लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ में 81 अपार्टमेंट को गिराने के आदेश पर हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने फिलहाल रोक लगा दी है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने हजरतगंज से फैजाबाद रोड तक के फ्लैट मालिकों को 15 दिन के अंदर घर खाली करने का नोटिस जारी किया था। यह आदेश 2012 में बिल्डरों को भेजे गए नोटिस के आधार पर दिया गया था, लेकिन अब हाई कोर्ट ने इसे रोकते हुए आदेश पर पुनर्विचार करने को कहा है।
एलडीए के इस फैसले को चुनौती देते हुए अपार्टमेंट निवासियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एलडीए के ध्वस्तीकरण आदेश पर स्टे लगा दिया और कहा कि फ्लैट मालिकों को कंपाउंडिंग के लिए आवेदन करने का अवसर दिया जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि 2012 के नोटिस पर समय पर कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी, क्योंकि उनकी लापरवाही की वजह से अब फ्लैट मालिकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
हाई कोर्ट के इस फैसले से उन फ्लैट मालिकों को राहत मिली है, जो अपने घरों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। अब कंपाउंडिंग प्रक्रिया के जरिए उनके फ्लैट को वैध करने का रास्ता खुल सकता है। कोर्ट के हस्तक्षेप से फिलहाल उनके आशियाने सुरक्षित हैं, लेकिन आगे की प्रक्रिया तय करेगी कि ये अपार्टमेंट कानूनी रूप से मान्य होंगे या नहीं।