आयकर विभाग द्वारा 15 जून 2025 को एडवांस टैक्स भरने की पहली डेडलाइन तय की गई है। जो भी व्यक्ति या संस्था इस दायरे में आते हैं, उन्हें इस तिथि तक अपना एडवांस टैक्स भुगतान करना जरूरी है। यह उन टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी प्रक्रिया है जिनकी अनुमानित टैक्स लायबिलिटी एक वित्तीय वर्ष में ₹10,000 या उससे अधिक होती है।
आइए जानते हैं एडवांस टैक्स से जुड़ी अहम जानकारी जैसे कि कौन इसके दायरे में आता है, इसे कैसे कैलकुलेट करें, ऑनलाइन भुगतान का तरीका और कौन सी गलतियों से बचना जरूरी है।
क्या है एडवांस टैक्स?
एडवांस टैक्स आयकर का वह रूप है जिसे टैक्सपेयर्स साल के अंत में एकमुश्त भरने की बजाय पूरे वित्तीय वर्ष में चरणबद्ध तरीके से किस्तों में अदा करते हैं। यह सिस्टम सरकार को समय-समय पर राजस्व उपलब्ध कराने में मदद करता है और टैक्सपेयर्स के लिए भी यह सहूलियत देता है कि उन्हें एक ही बार में भारी रकम चुकाने की ज़रूरत न पड़े।
कौन-कौन आते हैं एडवांस टैक्स के दायरे में?
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सैलरी पाने वाले कर्मचारी
अगर नौकरी के अलावा किसी अन्य स्रोत (जैसे किराया, फ्रीलांस काम, पूंजीगत लाभ आदि) से भी आय हो और कुल टैक्स लायबिलिटी ₹10,000 से ज्यादा है, तो एडवांस टैक्स देना जरूरी है।
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फ्रीलांसर और प्रोफेशनल्स
जो लोग फ्रीलांसिंग, कंसल्टिंग, डॉक्टर, वकील, सीए या अन्य पेशेवर सेवाएं देते हैं, वे भी अपनी अनुमानित आय पर एडवांस टैक्स भर सकते हैं।
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बिजनेसमैन/एंटरप्रेन्योर
जो लोग किसी व्यापार या कंपनी से आय कमा रहे हैं, वे सेक्शन 44AD या अन्य टैक्सेशन स्कीम के तहत इस श्रेणी में आते हैं।
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वरिष्ठ नागरिक
अगर कोई वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष से अधिक) व्यवसाय से आय अर्जित करते हैं, तो उन्हें भी एडवांस टैक्स भरना होता है।
भुगतान की तय तारीखें क्या हैं?
एडवांस टैक्स का भुगतान सरकार द्वारा तय 4 किश्तों में किया जाता है:
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15 जून तक – अनुमानित टैक्स का 15%
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15 सितंबर तक – कुल टैक्स का 45%
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15 दिसंबर तक – कुल टैक्स का 75%
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15 मार्च तक – पूरा 100% टैक्स
अगर आप इन तारीखों तक भुगतान नहीं करते हैं, तो आपको ब्याज और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
एडवांस टैक्स भरने का ऑनलाइन प्रोसेस
आप इनकम टैक्स पोर्टल से आसानी से एडवांस टैक्स भर सकते हैं। इसके लिए नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें:
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https://www.incometax.gov.in पर जाएं।
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लॉगिन करें और Menu में जाकर e-File टैब सिलेक्ट करें।
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अब e-Pay Tax पर क्लिक करें और New Payment सिलेक्ट करें।
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Income Tax चुनें और वित्तीय वर्ष का चयन करें।
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Advance Tax (200) को सिलेक्ट करें और Continue करें।
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पेमेंट का तरीका चुनें (नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड आदि)।
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Pay Now पर क्लिक करें।
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भुगतान के बाद रसीद और SMS के जरिए पुष्टि प्राप्त हो जाएगी।
एडवांस टैक्स की गणना कैसे करें?
एडवांस टैक्स की गणना करते समय अपनी सालभर की अनुमानित आय का अनुमान लगाना होता है। इसमें शामिल होता है:
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वेतन (अगर अतिरिक्त इनकम हो)
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व्यवसाय/फ्रीलांस इनकम
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किराया, ब्याज या लाभांश से आय
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पूंजीगत लाभ (शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड आदि से)
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अन्य किसी भी स्रोत से आय
इसके बाद सभी कटौतियां जैसे धारा 80C, 80D, HRA आदि घटाकर टैक्स स्लैब के अनुसार कुल टैक्स तय किया जाता है और फिर निर्धारित प्रतिशत के हिसाब से एडवांस टैक्स की किश्तें बनती हैं।
क्या हो अगर आप समय पर भुगतान न करें?
अगर कोई टैक्सपेयर 31 मार्च तक कम से कम 90% एडवांस टैक्स नहीं भरता है, तो धारा 234B के तहत उस पर बकाया राशि पर 1% प्रति माह का ब्याज लगेगा।
इसी तरह, अगर किसी किश्त की राशि समय पर नहीं दी जाती है, तो धारा 234C के तहत उस पर अतिरिक्त ब्याज देना होगा। यह जुर्माना आपकी टैक्स लायबिलिटी को बढ़ा सकता है, इसलिए समय पर भुगतान करना बेहद जरूरी है।
निष्कर्ष
एडवांस टैक्स की व्यवस्था टैक्सपेयर्स और सरकार दोनों के लिए लाभकारी है। इससे जहां सरकार को रेगुलर इनकम मिलती है, वहीं टैक्सपेयर्स के लिए यह एक बेहतर योजना बनती है, क्योंकि उन्हें एक बार में भारी टैक्स भरने की ज़रूरत नहीं होती। 15 जून 2025 की पहली डेडलाइन को ध्यान में रखते हुए यदि आप भी इसके दायरे में आते हैं, तो आज ही अपनी अनुमानित आय का मूल्यांकन करें और समय पर टैक्स भरकर अनावश्यक ब्याज व पेनल्टी से बचें।