लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में मंगलवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब इंदिरा नहर डैम के पास 14 साल के किशोर जीतू यादव का शव बरामद हुआ। जीतू सोमवार सुबह अपने दोस्तों के साथ घर से निकला था और रात तक नहीं लौटा। जब परिजनों को पुलिस से उसकी मौत की सूचना मिली तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और शंकर चौराहे पर जाम लगाकर हत्या की आशंका जताई।
जीतू के परिजनों के अनुसार, वह आर्यन पाठक और शिवम नाम के दोस्तों के साथ निकला था, लेकिन देर शाम तक वापस न आने पर परिजन खुद जानकारी जुटाने निकले। आर्यन के घर जाने पर उसकी मां ने कहा कि आर्यन जीतू के साथ नहीं गया था। लेकिन मंगलवार तड़के करीब चार बजे पुलिस ने परिजनों को बताया कि जीतू का शव नहर के पास मिला है।
परिवारवालों का आरोप है कि यह कोई सामान्य मौत नहीं थी। बहन कशिश यादव के मुताबिक, शव पानी में नहीं बल्कि रेत में धंसा मिला और उसके गले सहित शरीर पर चोट के निशान थे, जो किसी संघर्ष या हमले की तरफ इशारा करते हैं। उन्होंने साफ कहा कि यह दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या है और शव को साक्ष्य मिटाने के लिए नहर में फेंका गया।
परिजनों ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बिना उन्हें शव दिखाए, पुलिस ने जबरन पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार करवा दिया। साथ ही, जिन दोस्तों को हिरासत में लिया गया था, उन्हें बिना जांच के ही छोड़ दिया गया। हालांकि, एसीपी गोमतीनगर बृज नारायण सिंह का कहना है कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि जीतू अपने दोस्तों के साथ नहर में नहाने गया था और एक-दूसरे को बचाते हुए वह डूब गया। डर की वजह से दोस्तों ने यह बात किसी को नहीं बताई।