14 जून 2025 को भारत के इतिहास में एक और काला दिन बन गया, जब अहमदाबाद में एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान क्रैश हो गया। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। अब तक 275 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि केवल 7 लोगों की ही पहचान हो पाई है। हादसे में जान गंवाने वालों में डॉक्टर, मेडिकल स्टूडेंट्स और आम नागरिक शामिल हैं। इस दर्दनाक त्रासदी के बीच पायलट सुमित सभरवाल का एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को भेजा गया आखिरी मैसेज सामने आया है, जिसमें उन्होंने अपनी असहायता और अंत निकट होने की सूचना दी थी।
पायलट सुमित का आखिरी संदेश: “मेडे, थ्रस्ट नहीं मिल रहा”
क्रैश से ठीक पहले पायलट सुमित सभरवाल ने एटीसी को मैसेज भेजा – “मेडे, मेडे, मेडे… थ्रस्ट नहीं मिल रहा। पावर कम हो रही है, प्लेन उठ नहीं रहा है। नहीं बचेंगे।” यह संदेश तकनीकी विफलता की ओर इशारा करता है, जिसमें इंजन पावर की कमी एक बड़ी वजह मानी जा रही है। इसी टेक्निकल फेलियर के चलते विमान रनवे से ठीक पहले नियंत्रण खो बैठा और बीजे हॉस्टल की इमारत से टकरा गया।
बीजे हॉस्टल पर गिरा विमान, 60 लोग मौजूद थे
विमान बीजे हॉस्टल की छत पर गिरा, उस समय वहां 60 से अधिक लोग मौजूद थे। इस इमारत में 5 डॉक्टर और उनके परिवार के सदस्य रह रहे थे। हादसे में इन सभी की मौत हो गई। वहीं, बीजे मेडिकल कॉलेज के 34 मेडिकल छात्रों की भी इस क्रैश में मौत हो गई है। हादसे के समय इमारत के कई हिस्से ध्वस्त हो गए और आग की लपटें दूर-दूर तक फैलीं।
डीएनए पहचान का सहारा, अब तक 230 सैंपल लिए गए
चूंकि अधिकांश शव बुरी तरह जल चुके हैं, ऐसे में मृतकों की पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए की जा रही है। शुक्रवार रात तक 224 सैंपल लिए गए थे और अब तक कुल 230 से अधिक डीएनए नमूने जमा हो चुके हैं। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के बेटे ऋषभ रूपाणी भी डीएनए टेस्ट के लिए विदेश से लौटकर बीजे मेडिकल कॉलेज पहुंचे हैं।
मल्टी-डिसीप्लीनरी जांच कमेटी गठित
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हादसे की जांच के लिए एक हाईलेवल मल्टी-डिसीप्लीनरी कमेटी गठित की है। यह कमेटी मौजूदा SOP (Standard Operating Procedures) की समीक्षा करेगी और यह जांचेगी कि हादसे से पहले विमान में किसी तरह की तकनीकी खामी की जानकारी पहले से थी या नहीं। इसके अलावा भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त दिशानिर्देश बनाए जाएंगे।
हादसे वाला विमान पहले भी रहा था ग्राउंडेड
जो विमान हादसे का शिकार हुआ, वह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर मॉडल था। यह विमान 17 नवंबर 2019 को तकनीकी कारणों से 7 महीने तक ग्राउंडेड रहा था और 14 जून 2020 को फिर से उड़ान सेवा में आया था। अब सवाल उठ रहे हैं कि कहीं विमान की पिछली खराबियों का कोई संबंध तो इस हादसे से नहीं है। अभी तक विमान के ग्राउंडेड रहने की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक डोमेन में नहीं है।
लंदन में भारतीय समुदाय ने दी श्रद्धांजलि
इस दर्दनाक हादसे की गूंज विदेशों तक पहुंच गई है। लंदन में भारतीय समुदाय के लोगों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर मोमबत्तियां जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी। सोशल मीडिया पर भी शोक संदेशों और श्रद्धांजलि पोस्ट की बाढ़ सी आ गई है।
राजनीतिक प्रतिनिधियों की संवेदनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी आज अहमदाबाद पहुंचेंगे। वे क्रैश साइट पर जाकर मृतकों को श्रद्धांजलि देंगे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे। केंद्रीय मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं।
क्या था हादसे की वजह? विशेषज्ञों की राय
विमान हादसे के बाद एक बड़ा सवाल यह उठता है – आखिर हादसे की असली वजह क्या थी? अब तक के संकेतों के अनुसार विशेषज्ञों का मानना है कि विमान को "थ्रस्ट" यानी इंजन से अपेक्षित शक्ति नहीं मिल रही थी। खराब फ्यूल, इंजन में खराबी या ऑटोमैटिक फ्लाइट सिस्टम की विफलता संभावित कारणों में गिनी जा रही है।
निष्कर्ष: एक भयावह त्रासदी, कई अनसुलझे सवाल
अहमदाबाद प्लेन क्रैश सिर्फ एक तकनीकी चूक नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की कमजोरी की ओर इशारा करता है। जब पायलट पहले ही पावर लॉस की सूचना दे चुका था, तो क्या आपातकालीन लैंडिंग की कोई और व्यवस्था नहीं की जा सकती थी?
यह हादसा हमें एक बार फिर सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हमारे हवाई सुरक्षा मानक वाकई में उतने सुरक्षित हैं, जितना हम समझते हैं? अब निगाहें उस जांच रिपोर्ट पर हैं जो इस क्रैश के पीछे की सच्चाई उजागर करेगी।