लखनऊ न्यूज डेस्क: कन्नौज के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर सुबह एक बस अनियंत्रित होकर पलट गई। बस में भरे लगभग 300 गत्ते और प्लास्टिक की बोरियां सड़क पर बिखर गईं, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस और यूपीडा की टीमों ने बड़ी मुश्किल से सामान को समेटा और बाद में सभी माल को ठठिया थाने भेजकर जांच शुरू कर दी।
जांच में पता चला कि गत्तों में गैस चूल्हे और प्लास्टिक की बोरियों में कॉस्मेटिक आइटम रखे हुए थे। बाराबंकी निवासी हैदर अली की शिकायत पर बस मालिक और ड्राइवर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। एआरटीओ को भी बस के कागजात की जांच के लिए सूचित किया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रात में एक्सप्रेस-वे पर बसों की रैंडम चेकिंग करना जोखिम भरा है, इसलिए बसों की जांच एंट्री और एग्ज़िट प्वाइंट पर की जानी चाहिए। शुरुआती जांच में यह भी पता चला कि बस के पास नेशनल परमिट नहीं था और उस समय करीब 70 यात्री सवार थे। ऐसे में राज्य से दूसरे राज्य तक बस द्वारा यात्रियों और सामान ढोना नियमों के खिलाफ माना जाता है।
इस घटना ने यह भी उजागर किया कि यात्रियों की बसों के जरिए अवैध माल ढुलाई का सिलसिला जारी है। दिल्ली से यूपी और बिहार के लिए दुकानों में बिक्री हेतु माल रात के समय बसों की छत पर त्रिपाल में ढककर भेजा जाता है। यात्रियों के "बैग और बोरी" बताकर बसें आगे बढ़ जाती हैं, जिससे न तो बिल की जांच होती है और न ही जीएसटी का भुगतान।