मुंबई, 11 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। लोकसभा चुनाव में NDA की जीत के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर के पद संभालते ही भारत ने चीन के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। द डिप्लोमैट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन को काउंटर करने के लिए भारत अब तिब्बत की 30 से ज्यादा जगहों के नाम बदलने जा रहा है। भारतीय सेना जल्द ही जगहों की लिस्ट के साथ चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का नया मैप जारी करेगी। दरअसल, चीन ने अप्रैल में अरुणाचल प्रदेश की 30 जगहों के नाम बदले थे। चीन की सरकार इन इलाकों को अपना क्षेत्र बताती है। ड्रैगन की इसी हरकत का जवाब देने के लिए भारत सरकार ने यह फैसला लिया है।
तो वहीं, तिब्बत के इलाकों का नाम बदलने के लिए काफी रिसर्च की गई। भारतीय भाषा में पुराने नामों को आधार बनाकर इन जगहों के नए नाम रखे गए हैं। भारतीय सेना की इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर डिवीजन को इलाकों के नाम बदलने का जिम्मा सौंपा गया था। यह वही डिवीजन है, जो गहरी रिसर्च के बाद चीन की तरफ से रखे गए अरुणाचल प्रदेश के इलाकों के नए नामों को भी खारिज करती है। जानकारी के मुताबिक, तिब्बत के नए नामों की लिस्ट को जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। रिपोर्ट में ये बताया गया कि भारतीय सेना ने पिछले कुछ हफ्तों में अरुणाचल प्रदेश के उन इलाकों का दौरा भी किया, जिन्हें चीन अपना बताता है। इस दौरान पत्रकारों के जरिए क्षेत्रीय लोगों से भी बात की गई। उन्होंने चीन के दावों को खारिज करते हुए खुद को भारतीय नागरिक कहा।
आपको बता दें, चीन ने 1 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताकर वहां की 30 जगहों के नाम बदल दिए थे। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, इनमें 11 रिहायशी इलाके, 12 पर्वत, 4 नदियां, एक तालाब और एक पहाड़ों से निकलने वाला रास्ता था। हालांकि, इन जगहों के नाम क्या रखे गए, इस बारे में जानकारी नहीं दी गई। इन नामों को चीनी, तिब्बती और रोमन में जारी किया था। पिछले 7 सालों में ऐसा चार बार हुआ, जब चीन ने अरुणाचल की जगहों के नाम बदले। चीन ने अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे। अरुणाचल में बढ़ते चीनी दखल और यहां की जगहों के नाम बदले जाने पर भारत का रुख साफ रहा है। भारत अरुणाचल को अपना हिस्सा मानता है। अप्रैल 2023 में विदेश मंत्रालय ने कहा था- हमारे सामने चीन की इस तरह की हरकतों की रिपोर्ट्स पहले भी आई हैं। हम इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। इस तरह से नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी।