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गिग वर्कर्स हड़ताल पर जाने को तैयार, अभी से कर लें तैयारी वर्ना न्यू ईयर सेलीब्रेशन हो जाएगा बेकार

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Posted On:Wednesday, December 31, 2025

31 दिसंबर की सुबह आपके लिए एक जरूरी चेतावनी लेकर आई है। अगर आप आज रात नए साल के स्वागत के लिए किसी पार्टी या घर पर जश्न की प्लानिंग कर रहे हैं, तो अपनी 'चेकलिस्ट' अभी पूरी कर लें। शाम या रात के भरोसे बैठना आपके पूरे सेलीब्रेशन को खराब कर सकता है, क्योंकि आज देशभर में हजारों गिग वर्कर्स (Gig Workers) हड़ताल पर हैं।

31 दिसंबर को हड़ताल क्यों?

गिग एंड प्लेटफॉर्म सर्विस वर्कर्स यूनियन (GIPSWU) ने अपनी मांगों को लेकर 25 और 31 दिसंबर को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था। दिल्ली जैसे महानगर में अकेले 5 हजार से ज्यादा राइडर्स के ऑफलाइन रहने की खबर है। पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता जैसे शहरों में भी इसका व्यापक असर दिखने की संभावना है।

यूनियन के अध्यक्ष शेख सलाउद्दीन के अनुसार, देश भर में करीब 1 लाख से 1.5 लाख राइडर्स इस हड़ताल का हिस्सा बन सकते हैं। यह हड़ताल रणनीतिक रूप से उन समयों पर की जाएगी जब डिमांड सबसे ज्यादा होती है, जैसे लंच टाइम, डिनर टाइम या रात को जश्न के दौरान।

हड़ताल की मुख्य वजहें: क्यों नाराज हैं राइडर्स?

क्विक कॉमर्स और फूड डिलीवरी ऐप्स के लिए काम करने वाले इन राइडर्स की शिकायतें काफी गंभीर हैं:

  1. पेमेंट में कटौती: राइडर्स का आरोप है कि प्रति ऑर्डर मिलने वाला भुगतान अब पहले के मुकाबले लगभग आधा कर दिया गया है।

  2. इंसेंटिव का मुद्दा: कंपनियों ने दूरी और समय के आधार पर मिलने वाले इंसेंटिव को कम कर दिया है और इसमें पारदर्शिता की भी कमी है।

  3. 10 मिनट की 'असंभव' चुनौती: 10 मिनट में डिलीवरी के वादे ने राइडर्स पर मानसिक दबाव बढ़ा दिया है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।

  4. सुरक्षा का अभाव: दुर्घटना होने की स्थिति में ज्यादातर कंपनियों के पास राइडर्स के लिए कोई ठोस मेडिकल या लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं है।

  5. काम के लंबे घंटे: कम आय की भरपाई के लिए राइडर्स को 15 से 18 घंटे तक काम करना पड़ रहा है।

जश्न पर क्या होगा असर?

अगर आप स्विगी, ज़ोमैटो, ब्लिंकिट या ज़ेप्टो जैसे ऐप्स पर निर्भर हैं, तो आज आपको ये समस्याएं आ सकती हैं:

  • लंबा इंतजार: जो सामान 10 मिनट में आता था, उसके लिए घंटों इंतजार करना पड़ सकता है।

  • ऑर्डर कैंसिलेशन: राइडर्स की कमी के कारण ऐप आपके ऑर्डर को आखिरी समय पर रद्द कर सकता है।

  • सर्ज प्राइजिंग: डिलीवरी पार्टनर कम होने के कारण डिलीवरी फीस में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

ग्राहकों के लिए सलाह: अब क्या करें?

ऐन मौके पर निराश होने से बेहतर है कि आप अभी से सक्रिय हो जाएं:

  • स्टॉक जमा करें: कोल्ड ड्रिंक्स, स्नैक्स, डिस्पोजेबल बर्तन और राशन का सामान दोपहर तक ऑफलाइन दुकानों से जाकर खरीद लें।

  • ऐप पर भरोसा न करें: इमरजेंसी सामान या दवाइयों के लिए इंस्टेंट डिलीवरी ऐप्स के भरोसे न रहें।

  • स्थानीय बाजार का रुख करें: भीड़ बढ़ने से पहले अपनी नजदीकी किराना दुकान या सुपरमार्केट से खरीदारी पूरी कर लें।


निष्कर्ष

असंगठित क्षेत्र होने के कारण कुछ राइडर्स काम कर रहे हैं और कुछ नहीं, जिससे हड़ताल का मिला-जुला असर दिख रहा है। हालांकि, रिस्क लेना आपके न्यू ईयर सेलीब्रेशन को फीका कर सकता है। बेहतर यही है कि आप "डिजिटल निर्भरता" को छोड़कर आज अपनी तैयारी खुद ही पूरी कर लें।


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