मुंबई, 18 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री बनाई गई हैं। इस पद पर पहुंचने वाली वह श्रीलंका की तीसरी महिला नेता हैं। वे 2 महीने पहले श्रीलंका में बनी अंतरिम सरकार में भी प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। प्रधानमंत्री बनाई गईं हरिनी अमरसूर्या की पढ़ाई 1991 से 1994 तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से हुई है। उन्होंने 5 साल पहले ही राजनीति में एंट्री ली थी। श्रीलंका में 14 नवंबर को संसदीय चुनाव हुए थे। इसमें राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के गठबंधन NPP को जीत मिली थी। सरकार की नई कैबिनेट का गठन किया गया। राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कैबिनेट के सदस्यों को राष्ट्रपति सचिवालय में शपथ दिलाई। इस कैबिनेट में राष्ट्रपति समेत 22 सदस्य हैं। कैबिनेट में 2 महिलाओं और 2 तमिल सांसद भी शामिल किए गए हैं। डिप्टी मिनिस्टर के नाम बाद में घोषित किए जाएंगे। श्रीलंका के संविधान के अनुसार कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 30 और उप मंत्रियों की संख्या 40 से ज्यादा नहीं हो सकती। दिसानायके ने सरकार की लागत को कम करने के लिए कैबिनेट को छोटा रखा है।
अमरसूर्या श्रीलंका में प्रधानमंत्री पद पर काबिज होने वाली तीसरी महिला हैं। उनसे पहले सिरिमाओ भंडारनायके (3 बार) और चंद्रिका कुमारतुंगा (1 बार) देश की महिला प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। हरिनी अमरसूर्या 2020 में पहली बार सांसद बनी थीं। राजनीति में कदम रखने से पहले अमरसूर्या श्रीलंका ओपन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं। अमरसूर्या का जन्म एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। उनके पिता एक चाय बागान के मालिक थे। साल 1972 में श्रीलंका में भूमि सुधार कानून लागू हुआ। इसमें अमरसूर्या के पिता का चाय बागान सरकार ने ले लिया। इसके बाद वे गाले से कोलंबो आकर बस गए।
आपको बता दें, श्रीलंका के संसद का पहला सत्र 21 नवंबर से शुरू होने वाला है। इस बार संसद में ज्यादातर सांसद नए चुनकर आए हैं। शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति दिसानायके ने मंत्रिमंडल को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा, ज्यादातर मंत्री न केवल कैबिनेट के लिए बल्कि संसद के लिए भी नए हैं। हम अच्छी तरह से जानते हैं कि वे सभी ईमानदार हैं और भ्रष्ट नहीं हैं और उनमें लोगों की उम्मीदों को पूरा करने का साहस है। हमें उम्मीद है कि सभी मंत्री जिम्मेदारी के साथ काम करेंगे। राष्ट्रपति दिसानायके के गठबंधन ने 14 नवंबर को हुए संसदीय चुनावों में 225 में से 159 सीटें जीती थीं। उनके गठबंधन को चुनाव में 61 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे।