चीन की लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट टिकटॉक पर अमेरिका और भारत दोनों देशों में प्रतिबंध लगा हुआ है। अमेरिका ने टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस से अपनी हिस्सेदारी बेचने का दबाव बनाया है, ताकि टिकटॉक के चीनी स्वामित्व से अलग होकर अमेरिकी बाजार में वापसी हो सके। अमेरिका ने बाइटडांस को यह ऑफर दिया है और अब तक इसे स्वीकार करने के लिए चार बार समय बढ़ाया जा चुका है। हालांकि, बाइटडांस के चीनी मालिकों ने अभी तक इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है, इसलिए टिकटॉक अमेरिका में प्रतिबंधित बना हुआ है। अमेरिका ने सितंबर तक बाइटडांस को नया मालिक खोजने का आखिरी मौका दिया है।
बाइटडांस को खरीदने में लगी दिलचस्पी
राष्ट्रपति ट्रंप ने जनवरी, अप्रैल और जून में टिकटॉक पर प्रतिबंध की समयसीमा बढ़ाई थी। अब फिर से सितंबर तक बैन का समय बढ़ाया गया है। ट्रंप के अनुसार, कई अमेरिकी और अन्य वैश्विक कंपनियां बाइटडांस की हिस्सेदारी खरीदने में रुचि दिखा रही हैं, लेकिन चीन की सरकार या बाइटडांस के मालिक इसे बेचने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इस मुद्दे पर अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन सही समय आने पर वे इस पर चर्चा करेंगे।
अमेरिका में टिकटॉक बैन की वजहें
अमेरिका ने टिकटॉक पर बैन लगाने के पीछे मुख्य कारण राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी को बताया है। टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस चीन की कंपनी है, और अमेरिकी अधिकारियों को डर है कि चीन की सरकार अमेरिकी यूजर्स के निजी डेटा तक आसानी से पहुंच सकती है। चीन का राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (2017) चीन की कंपनियों को सरकार के साथ डेटा साझा करने का आदेश देता है। इस कानून के चलते अमेरिका को आशंका है कि यूजर्स का डेटा जासूसी, ब्लैकमेलिंग या निगरानी के लिए इस्तेमाल हो सकता है।
अमेरिकी सरकार का कड़ा रुख
जो बाइडेन प्रशासन ने अप्रैल 2024 में ‘प्रोटेक्टिंग अमेरिकन्स फ्रॉम फॉरेन एडवर्सरी कंट्रोल्ड एप्लिकेशन्स एक्ट’ (PAFACA) पास किया था। इसके तहत बाइटडांस को 19 जनवरी 2025 तक टिकटॉक को अमेरिकी बाजार में बेचने का आदेश दिया गया था। बाइटडांस ने इस आदेश का पालन नहीं किया, जिसके कारण टिकटॉक अभी भी अमेरिका में प्रतिबंधित है।
आगे की संभावनाएं और चेतावनी
राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट कहा है कि यदि 17 सितंबर तक बाइटडांस टिकटॉक की बिक्री की प्रक्रिया पूरी नहीं करता, तो अमेरिका में टिकटॉक को पूरी तरह बैन कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, टिकटॉक को सभी मोबाइल ऐप स्टोर्स से हटाने की भी चेतावनी दी गई है। पहले से टिकटॉक डाउनलोड करने वाले यूजर्स को आगे कोई अपडेट नहीं मिलेगा, और ऐप का उपयोग भी सीमित किया जाएगा।
निष्कर्ष
अमेरिका में टिकटॉक का बैन न केवल एक तकनीकी या व्यापारिक मामला है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा संरक्षण का अहम मुद्दा बन चुका है। अमेरिका बाइटडांस को मजबूर कर रहा है कि वह टिकटॉक को अमेरिकी नियंत्रण में लाए, ताकि यूजर्स के डेटा की सुरक्षा हो सके। चीन और अमेरिका के बीच इस मामले पर जारी तनाव के कारण टिकटॉक की वापसी फिलहाल मुश्किल लग रही है। इस विवाद से यह साफ होता है कि वैश्विक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दे कितने गहराए हुए हैं।
यह मामला भविष्य में डिजिटल संचार, डेटा प्राइवेसी और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। वहीं, यूजर्स के लिए यह सवाल भी है कि उनकी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा किस हद तक सुनिश्चित हो पाएगी।