लखनऊ न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अब मिसाइल निर्माण के क्षेत्र में देश का अहम केंद्र बन चुका है। भटगांव में स्थापित ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई में तैयार की गई पहली खेप 18 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लॉन्च की जाएगी। इस मौके पर देश की आधुनिक सैन्य ताकत का प्रदर्शन होगा।
यह मिसाइल इकाई भारत और रूस के संयुक्त प्रयास का नतीजा है। 300 करोड़ रुपये की लागत से 80 एकड़ में फैली इस इकाई में हर साल 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइलें बनाई जाएंगी और भविष्य में इस संख्या को बढ़ाकर 150 प्रति वर्ष करने की योजना है। ब्रह्मोस मिसाइल तेज रफ्तार (मैक 3), सटीक निशाना लगाने और जमीन, हवा व समुद्र से लॉन्च होने की क्षमता के लिए जानी जाती है।
हाल ही में ऑपरेशन सिन्दूर में ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान के कई एयर बेस को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया था। इसकी रेंज 290 से 400 किलोमीटर है और यह दुश्मन के रडार को चकमा देकर अपने लक्ष्य को भेद सकती है। भारत और रूस की संयुक्त परियोजना में भारत की हिस्सेदारी 50.5% और रूस की 49.5% है, जिससे यह परियोजना दोनों देशों के लिए रणनीतिक महत्व रखती है।
लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण न केवल देश की रक्षा क्षमता को मजबूत करेगा बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहा है। 18 अक्टूबर का लॉन्च समारोह उत्तर प्रदेश और भारत के लिए गर्व का पल होगा और देश की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को नई दिशा देगा।