हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत पवित्र माने जाने वाला करवा चौथ का व्रत आज (शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025) श्रद्धापूर्वक रखा जा रहा है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर, सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन की कामना के साथ यह निर्जला व्रत रखती हैं। सूर्योदय के साथ शुरू हुआ यह व्रत अब शाम को चंद्र दर्शन और पूजा के बाद ही खोला जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, सभी व्रती महिलाओं को अब चंद्र देव के निकलने का बेसब्री से इंतज़ार है। हालांकि, कई बार मौसम खराब होने या बादलों के छाए रहने के कारण चंद्रमा नज़र नहीं आता है। ऐसी अप्रत्याशित परिस्थिति में व्रत का पारण कैसे किया जाए, इसके लिए शास्त्रों में विशेष विधान बताए गए हैं।
चांद न दिखने पर क्या करें? शास्त्रों में बताया गया है उपाय
यदि करवा चौथ के पावन दिन खराब मौसम के कारण चंद्र देव के दर्शन नहीं हो पाते हैं, तो शास्त्रों ने सुहागिन महिलाओं के लिए एक विशेष उपाय सुझाया है ताकि उनका व्रत सफलतापूर्वक पूर्ण हो सके:
शिव परिवार की पूजा: ऐसी परिस्थिति में व्रती महिलाएं शिव परिवार की पूजा कर सकती हैं। छत पर या पूजा स्थान पर एक शुद्ध जगह पर भगवान शिव की उस प्रतिमा या चित्र की स्थापना करें जिसके माथे पर चंद्रमा विराजमान हो।
चंद्रमा की पूजा: शिव जी के माथे पर विराजित चंद्रमा को ध्यान में रखकर तिलक और अक्षत लगाएं। उन्हें फूल अर्पित करें और घी का एक दीपक जलाएं।
छलनी से अर्घ्य: इसके बाद, पारंपरिक विधि के अनुसार, छलनी से शिव जी के माथे पर विराजित चंद्रमा को देखें। फिर चंद्र देव को समर्पित करते हुए जल अर्पित करें।
पति की आरती: जल अर्पित करने के बाद, उसी छलनी से अपने पति को देखें और उनकी आरती उतारें।
पारण: अंत में, पति के हाथों से जल पीकर और मिठाई खाकर व्रत का पारण करें।
वैकल्पिक विधि: यदि किसी कारणवश शिव जी के माथे पर विराजित चंद्रमा वाली प्रतिमा उपलब्ध न हो, तो व्रती महिलाएँ छत पर एक चौकी पर चावल या शुद्ध आटे से चांद की आकृति बनाकर उसकी पूजा भी कर सकती हैं और इसी विधि से व्रत का पारण कर सकती हैं।
आज कब होगा चंद्रोदय?
द्रिक पंचांग के अनुसार, आज 10 अक्टूबर 2025 को करवा चौथ के पावन दिन रात 08 बजकर 13 मिनट पर चंद्रोदय होगा। चंद्र दर्शन होने के बाद ही महिलाएं चंद्र देव की विधि-विधान से पूजा कर अपना व्रत खोल सकती हैं। सभी सुहागिन महिलाएं बेसब्री से इस शुभ समय का इंतज़ार कर रही हैं।