आगामी चुनावों, जिनमें बिहार विधानसभा चुनाव भी शामिल हैं, को ध्यान में रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने एक बड़ा और नागरिक-हितैषी कदम उठाया है। अब, यदि किसी मतदाता के पास वोटर आईडी कार्ड (EPIC) नहीं है, तो भी वह मतदान के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकेगा। ECI ने मतदान केंद्रों पर पहचान सुनिश्चित करने के लिए 12 वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों को मान्यता दी है। निर्वाचन आयोग ने 7 अक्टूबर, 2025 को एक अधिसूचना जारी करते हुए स्पष्ट किया कि इस कदम का उद्देश्य मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की पहचान को लेकर होने वाली किसी भी समस्या को खत्म करना और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी वैध मतदाता वोट डालने से वंचित न रहे।
इन 12 वैकल्पिक दस्तावेजों से होगी पहचान
ECI द्वारा मान्यता प्राप्त इन 12 दस्तावेजों में विभिन्न सरकारी पहचान पत्र शामिल हैं, जो विशेष रूप से ग्रामीण मतदाताओं और नए मतदाताओं के लिए बड़ी राहत साबित होंगे। आयोग द्वारा मतदान के लिए वैध माने गए 12 वैकल्पिक पहचान पत्र इस प्रकार हैं:
- आधार कार्ड
- मनरेगा जॉब कार्ड
- बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक
- श्रम मंत्रालय/आयुष्मान भारत योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पैन कार्ड
- एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
- भारतीय पासपोर्ट
- फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज
- केंद्र/राज्य सरकार/पीएसयू/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र
- सांसदों/विधायकों/एमएलसी को जारी आधिकारिक पहचान पत्र
- भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी विशिष्ट विकलांगता पहचान पत्र (UDID) कार्ड
महिला मतदाताओं के लिए विशेष प्रावधान
चुनाव आयोग ने 'पर्दानशीन' (बुर्का या घूंघट) महिला मतदाताओं की सुविधा और मतदान में उनकी अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भी विशेष प्रावधान किए हैं। उनकी गोपनीयता को बनाए रखने के लिए मतदान केंद्रों पर महिला मतदान अधिकारियों की विशेष तैनाती का निर्देश दिया गया है। ECI के बयान में कहा गया है कि आयोग को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 के तहत मतदाताओं की पहचान को सुविधाजनक बनाने का अधिकार है।
आयोग ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के 15 दिनों के भीतर सभी नए मतदाताओं को मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) प्रदान कर दिया जाए। हालांकि, आयोग ने दोहराया कि मतदान करने के लिए मतदाता सूची में नाम होना एक पूर्वापेक्षा है, भले ही वैकल्पिक पहचान पत्र मान्य हो। यह कदम देश में समावेशी और बाधा रहित मतदान सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।