मुंबई, 14 फरवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। यूक्रेन के चेर्नोबिल एटॉमिक प्लांट पर गुरुवार रात को ड्रोन हमला हुआ। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस अटैक का आरोप रूस पर लगाया है। जेलेंस्की ने कहा कि गुरुवार देर रात विस्फोटकों से लैस एक रूसी ड्रोन ने चेर्नोबिल प्लांट के कॉन्क्रीट से बने सेफ्टी कवच पर हमला किया। हमले में इस कवच को नुकसान पहुंचा है। हालांकि रूस ने ऐसे किसी हमले से इनकार किया है। जेलेंस्की के मुताबिक, यह हमला तबाह हो चुके पावर रिएक्टर नंबर- 4 पर किया गया। हमले के चलते इमरात में आग लग गई थी, जिसे बुझा दिया गया है। 1986 में हुए चेर्नोबिल ब्लास्ट के बाद रेडिएशन रोकने के कॉन्क्रीट की यह एक शील्ड बनाई गई थी। इसके अलावा किसी और नुकसान या रेडिएशन का लेवल बढ़ने की कोई खबर नहीं है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें चेर्नोबिल प्लांट की इमारत से तेज रोशनी निकलती दिख रही है। इसके बाद पूरा आसमान धुएं से भर जाता है। इंटरनेशल एटॉमिक एनर्जी ने बताया कि यूक्रेन में स्थानीय समय के मुताबिक रात करीब 2 बजे यह हमला किया गया। दरअसल, 26 अप्रैल 1986 में चेर्नोबिल के न्यूक्लियर पावर प्लांट में ब्लास्ट हुआ था। यहां काम कर रहे 32 कर्मचारियों की मौत हो गई थी। सैकड़ों कर्मचारी रेडिएशन की चपेट में आ गए थे। तब रूस नहीं सोवियत संघ होता था। इस ब्लास्ट में मारे गए लोगों की सही संख्या आज नहीं नहीं पता चल सकी है। हालांकि, 50 लाख लोग प्लांट में हुए हादसे से निकले रेडिएशन का शिकार बने थे। इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की वजह से 4,000 से भी अधिक लोगों की मौत हुई। सोवियत संघ ने हमले को छिपाने की कोशिश की थी, लेकिन स्वीडिश रिपोर्ट आने के बाद विस्फोट की बात मानी गई। सोवियत संघ के बंटवारे के बाद चेर्नोबिल यूक्रेन के हिस्से आ गया था।