ताइवान को लेकर जापान और चीन के बीच बढ़ता तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बीच, अमेरिका ने शुक्रवार को जापान के साथ अपनी साझेदारी को अटूट बताते हुए उसका पूर्ण समर्थन दोहराया है। यह अमेरिकी बयान ऐसे समय में आया है जब चीन ने ताइवान संकट पर जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची की हालिया टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है।
चीन ने 7 नवंबर को ताकाइची के उस बयान पर विरोध जताया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर चीन ताइवान पर सैन्य हमला करता है, तो यह जापान के लिए अस्तित्व के लिए खतरा (Existential Threat) पैदा करने वाली स्थिति हो सकती है। ऐसी स्थिति में, जापान सामूहिक आत्मरक्षा का अधिकार (Right to Collective Self-Defense) इस्तेमाल कर सकता है।
🇺🇸 अमेरिका ने जापान को दिया स्पष्ट समर्थन
जापान की संसद में दिया गया ताकाइची का यह बयान संकेत देता है कि ताइवान संकट की स्थिति में जापानी रक्षा बल किस प्रकार कदम उठा सकते हैं। चीन ने इसे अपने आंतरिक मामलों में दखल करार दिया, जबकि अमेरिका ने जापान का समर्थन करते हुए क्षेत्रीय स्थिरता के लिए इस गठबंधन को आवश्यक बताया।
जापान में अमेरिकी राजदूत जॉर्ज ग्लास ने जापानी विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी से बातचीत के बाद चीन की प्रतिक्रिया को उकसाने वाला बताया। क्योदो के अनुसार, ग्लास ने कहा कि चीन की कार्रवाई बहुत नुकसानदायक है और क्षेत्रीय स्थिरता को कमजोर करती है।
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आर्थिक दबाव का उदाहरण: ग्लास ने जापानी समुद्री उत्पादों पर चीन के आयात प्रतिबंध को चीनी आर्थिक दबाव का क्लासिक उदाहरण बताया।
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सेनकाकू द्वीप समूह: ग्लास ने यह भी दोहराया कि अमेरिका जापान की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है, जिसमें पूर्वी चीन सागर में स्थित सेनकाकू द्वीप भी शामिल हैं, जिन पर चीन दावा करता है और उसे दियाओयू कहता है।
🇯🇵 ताकाइची का कड़ा रुख
चीन ने जोर देकर मांग की है कि ताकाइची अपने बयान को वापस लें ताकि दोनों देशों के रिश्ते स्थिर हो सकें, लेकिन ताकाइची ने शुक्रवार को ऐसा करने से इनकार कर दिया। चीन पर कड़ा रुख रखने वाली ताकाइची ने कहा कि ताइवान को लेकर जापान का रुख हमेशा संगत (Consistent) रहा है, हालांकि उन्होंने बीजिंग के साथ बेहतर संबंधों की इच्छा भी जताई।
G20 शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले ताकाइची ने कहा, "मैंने बार-बार यही स्थिति अपने जवाबों में रखी है। सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट और समान है।"
🇨🇳 चीन के सख्त जवाबी कदम
ताकाइची के बयान और जापान के रुख पर चीन ने कई जवाबी कदम उठाए हैं:
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आयात प्रतिबंध: बीजिंग ने हाल ही में हटाए गए जापानी समुद्री खाद्य पदार्थों के आयात पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है।
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यात्रा एडवाइजरी: चीन ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है कि फिलहाल जापान की यात्रा न करें। चूंकि चीन जापान आने वाले पर्यटकों का सबसे बड़ा स्रोत है (इस साल लगभग 7.4 मिलियन यात्राएं), इस चेतावनी के बाद चीनी यात्रियों की भारी बुकिंग रद्द होने लगी हैं।
शुक्रवार को चीन ने जापान द्वारा अमेरिका को पैट्रियट एयर-डिफेंस इंटरसेप्टर मिसाइलों के निर्यात पर भी कड़ी आपत्ति जताई। यह पहली बार है जब जापान ने हथियार निर्यात नियमों में ढील देने के बाद इतनी उन्नत तकनीक वाले हथियार निर्यात किए हैं, जिससे क्षेत्र में सैन्य संतुलन पर असर पड़ सकता है।