वॉशिंगटन, डीसी: अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) के पूर्व अधिकारी और व्हिसलब्लोअर जॉन किरियाकू ने एक सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के दौरान दिए गए उनके बयान के लिए उन पर जबरन माफी मांगने का दबाव डाला था। किरियाकू ने अक्टूबर में समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) से बात करते हुए कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच पारंपरिक युद्ध होता है, तो पाकिस्तान हार जाएगा, क्योंकि युद्ध से किसी को फायदा नहीं होगा।
धमकियों के बाद PTI का कड़ा पत्र
किरियाकू के इस बयान के बाद उन्हें पाकिस्तान के लोगों से ऑनलाइन गालियां और जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं। किरियाकू ने बताया कि उन्होंने केवल इतना कहा था कि भारत की आबादी पाकिस्तान से पांच गुना ज्यादा है, इसलिए पारंपरिक युद्ध में पाकिस्तान को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें मिली धमकियों की संख्या गिनना भी मुश्किल है। इन धमकियों के बीच, किरियाकू ने दावा किया कि उन्हें PTI की तरफ से एक आधिकारिक पत्र मिला, जिसमें कड़े शब्दों में उनके बयान की निंदा की गई थी। यह पत्र PTI के अध्यक्ष की ओर से आया था, जिसका नेतृत्व मार्च 2023 से पूर्व पंजाब सीएम चौधरी परवेज इलाही कर रहे हैं। पत्र में किरियाकू से इमरान खान, उनकी पार्टी और पाकिस्तान की जनता से तुरंत माफी मांगने की मांग की गई थी।
किरियाकू का तंज भरा जवाब
किरियाकू ने बताया कि उनके वकील ने उन्हें सुरक्षा के मद्देनजर सावधान रहने और कम प्रोफाइल बनाए रखने की सलाह दी थी। हालांकि, किरियाकू ने इसके विपरीत कदम उठाया और PTI को जवाब में बेहद तंज भरी भाषा का इस्तेमाल करते हुए एक पत्र भेजा। उन्होंने कहा कि उनके इस व्यंग्यात्मक पत्र पर PTI की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
किरियाकू का विवादास्पद अतीत
जॉन किरियाकू का विवादों से गहरा नाता रहा है। वह CIA में करीब 15 साल तक रहे और 9/11 के बाद कई अहम आतंकवाद-रोधी ऑपरेशनों का हिस्सा रहे थे। उन्होंने 2002 में अल-कायदा के बड़े सदस्य अबू जुबैदा को गिरफ्तार करने वाले ऑपरेशन का भी नेतृत्व किया था।
लेकिन, 2007 में किरियाकू ने CIA के टॉर्चर प्रोग्राम (यातना कार्यक्रम) का खुलासा करके सुर्खियां बटोरीं, जिसके लिए उन्हें व्हिसलब्लोअर के रूप में जाना जाता है। इस खुलासे के परिणामस्वरूप, उन्हें 23 महीने जेल में बिताने पड़े, हालांकि बाद में उन पर लगे आरोप हटा दिए गए। किरियाकू ने कहा कि उन्हें अपने इस फैसले पर कोई पछतावा नहीं है। भारत-पाकिस्तान युद्ध पर किरियाकू के बयान और उसके बाद PTI द्वारा माफी मांगने के लिए दबाव बनाना, यह दर्शाता है कि पाकिस्तान में राजनीतिक दल किस प्रकार संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विदेशी आवाजों को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं।