लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ में बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या बढ़ने का आरोप हाल ही में लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल ने लगाया है। उन्होंने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि शहर में बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या लगभग दो लाख हो सकती है, जो अवैध रूप से झुग्गियों में रह रहे हैं। इन नागरिकों का मुख्य रूप से बसेरा खाली भूखंडों पर है, और नगर निगम ने अब तक 7335 झुग्गियों का पता लगाया है। मेयर ने चेतावनी दी कि यदि इन अवैध बस्तियों पर काबू नहीं पाया गया, तो ये भविष्य में शहर के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं।
इस मामले की गंभीरता को समझते हुए, नगर निगम ने झुग्गियों में रहने वालों के पहचान पत्रों का सत्यापन शुरू कर दिया है। बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्याओं के बारे में मिली जानकारी के आधार पर प्रशासन जल्द ही इन लोगों को शहर से बाहर करने की योजना बना रहा है। मेयर ने यह भी बताया कि रविवार को बांग्लादेशी नागरिकों ने जोन सात में नगर निगम की टीम पर हमला किया था, जिसके बाद से इलाके में खाली भूखंडों का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
सुषमा खर्कवाल ने यह भी बताया कि लगभग तीन दशक पहले कुछ बांग्लादेशी नागरिक लखनऊ में आए थे, लेकिन अब उनकी संख्या बढ़कर दो लाख के आसपास हो गई है। ये लोग दिन में सफाई का काम करते हैं, लेकिन रात के समय चोरी की घटनाओं में भी शामिल होते हैं। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि चिनहट में एक बैंक लूट के मामले में भी बांग्लादेशियों का नाम सामने आया था। साथ ही, बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनवाने की भी जानकारी मिली है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।
नगर निगम के सर्वे में यह सामने आया है कि शहर के सभी आठ जोनों में 7335 अवैध झुग्गियां हैं, जिनमें दो लाख से अधिक लोग रह रहे हैं। अब इन झुग्गियों में बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की संख्या की जांच की जा रही है। मेयर ने यह भी कहा कि यदि नगर निगम के कर्मचारियों ने बांग्लादेशियों को अवैध रूप से जन्म प्रमाण पत्र जारी किए हैं, तो इसकी भी जांच करवाई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, बांग्लादेशी नागरिकों को इन झुग्गियों में पानी और बिजली कनेक्शन देने के मामले की भी जांच की जाएगी। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि झुग्गियों में रह रहे लोगों के आधार कार्ड का सत्यापन किया जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि ये कार्ड कब और कैसे जारी किए गए थे। इसके लिए अन्य राज्यों से भी रिकॉर्ड सत्यापन कराया जा सकता है।
इस मामले पर राजनीति भी गर्मा गई है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान महासचिव और पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकारें बांग्लादेशियों की घुसपैठ को बढ़ावा दे रही हैं, क्योंकि लखनऊ में इतनी बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिकों का होना देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकता है।
अब प्रशासन इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रहा है और बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ उचित कदम उठाने की योजना बना रहा है। शहर में बढ़ते अवैध घुसपैठ के कारण अब और सख्त कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।