लखनऊ न्यूज डेस्क: हाथरस भगदड़ मामले में बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए। दो जुलाई को सत्संग के बाद हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनज़र जनपथ मार्केट में लोगों का आवागमन रोक दिया गया और गेट पर पुलिस का कड़ा पहरा लगाया गया। विधायक के साथ पहुंचे भोले बाबा से करीब दो घंटे तक पूछताछ चली। हालांकि, भगदड़ के बाद दर्ज की गई प्राथमिकी में उनका नाम आरोपी के रूप में शामिल नहीं है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस त्रासदी की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया है, जिसकी अध्यक्षता एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कर रहे हैं। इस आयोग का उद्देश्य भगदड़ के कारणों और साजिश की संभावना की जांच करना है। हाल ही में, सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि को आयोग के सामने अपना बयान देने के लिए लखनऊ बुलाया गया था। सूरजपाल के वकील ए.पी. सिंह ने बताया कि उनके मुवक्किल ने आयोग के सामने अपना पक्ष रखा।
सिंह ने कहा, ''हमें उत्तर प्रदेश पुलिस, न्यायपालिका, राज्य सरकार और केंद्र पर पूरा भरोसा है। हमारे साथ न्याय होगा।'' उन्होंने कहा, ''हमने वादा किया था कि जब भी कोई जांच पैनल या जांच एजेंसी नारायण साकार हरि को बुलाएगी, तो वह उपस्थित होंगे। उन्हें आज बुलाया गया था, इसलिए वह यहां आए हैं। उनसे जो भी पूछा जाएगा वह उस पर अपना बयान देंगे।''