लखनऊ न्यूज डेस्क: शहर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, और हाल के दिनों में यह यलो और ऑरेंज जोन में दर्ज हुआ है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्ययन के अनुसार, ट्रांस गोमती के कई इलाकों में सुबह के समय एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) में वृद्धि हो रही है, खासकर जब लोग अपने दैनिक कामों और दफ्तरों के लिए बाहर निकलते हैं। चौराहों पर ट्रैफिक रुकने और वाहनों के एक साथ स्टार्ट होने से प्रदूषण स्तर में अचानक वृद्धि होती है।
वहीं, तालकटोरा में रात के समय प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो रहा है, जिसका मुख्य कारण भारी वाहनों की आवाजाही है, जो रात के समय फैक्ट्रियों तक पहुंचते हैं। तालकटोरा में पिछले 24 घंटों के दौरान एक्यूआई 261 दर्ज किया गया, जो ऑरेंज जोन में रहा। इसके अलावा, लालबाग, इन्दिरा नगर और अलीगंज जैसे इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया है, जहां रात और सुबह के समय एक्यूआई सर्वाधिक था।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन बढ़ते प्रदूषण स्तरों को नियंत्रित करने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी उमेश शुक्ला ने कहा कि शहर के 15 व्यस्त चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल को यलो मोड पर रखने का प्रयास किया जाएगा, ताकि वाहनों के रुकने से प्रदूषण का स्तर कम हो सके। बोर्ड के मुताबिक, प्रदूषण का मुख्य कारण पीएम 2.5 के कणों का बढ़ना है, जो धुएं की अधिकता से उत्पन्न होते हैं, और ट्रकों की देर रात एंट्री तथा सुबह के समय बढ़े हुए ट्रैफिक से यह और बढ़ता है।