आज शेयर बाजार ने दिन की शुरुआत लाल निशान पर की। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों ही प्रमुख इंडेक्स शुरुआती कारोबार में गिरावट के साथ खुले। बाजार में यह कमजोरी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारकों की वजह से देखी जा रही है। निवेशक फिलहाल सतर्क हैं और कोई बड़ा रिस्क लेने से बच रहे हैं।
कल रही थी मजबूती, आज दिखा उतार-चढ़ाव
23 अप्रैल को बाजार में सकारात्मक माहौल था। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों इंडेक्स अच्छी तेजी के साथ खुले थे और आखिरी तक बढ़त बनाए रखने में सफल रहे थे। लेकिन आज की शुरुआत इसके उलट रही है। शुरुआती कारोबार में निवेशकों ने मुनाफावसूली की, जिससे इंडेक्स लाल निशान में चले गए।
एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख
दबाव का असर केवल भारतीय बाजार तक सीमित नहीं है। एशियाई बाजारों में भी आज मिला-जुला रुख देखने को मिला।
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जापान का Nikkei 225 आज तेजी के साथ कारोबार कर रहा है।
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दक्षिण कोरिया का Kospi, ताइवान का TAIEX, हांगकांग का Hang Seng और चीन का SSE Composite गिरावट में ट्रेड कर रहे हैं।
इस क्षेत्र में निवेशकों का भरोसा फिलहाल डगमगाया हुआ है, जिसकी वजह से बाजारों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है।
बैंकिंग इंडेक्स में सुधार के संकेत
हालांकि बाजार दबाव में है, लेकिन बैंकिंग सेक्टर में कुछ राहत जरूर दिख रही है।
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निफ्टी बैंक इंडेक्स, जो कल कमजोरी के साथ बंद हुआ था, आज कुछ देर की गिरावट के बाद ग्रीन जोन में आ गया है।
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निफ्टी ऑटो, आईटी, मेटल और फार्मा इंडेक्स में भी हल्की तेजी नजर आई है।
कल के पहलगाम हमले का असर खासतौर पर जम्मू एंड कश्मीर बैंक पर पड़ा था, जिसका शेयर 9% से ज्यादा लुढ़क गया था। आज उसमें कुछ रिकवरी देखने को मिली है।
वहीं, Lemon Tree Hotels और Indian Hotels Company जैसे हॉस्पिटैलिटी स्टॉक्स अब भी दबाव में बने हुए हैं। पर्यटन और यात्रा क्षेत्र पर जमीनी हालात का असर साफ नजर आ रहा है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में यह कमजोरी अस्थायी है और घरेलू कारणों से आई है। अगले एक-दो कारोबारी सत्रों में बाजार फिर से सकारात्मक रुख अख्तियार कर सकता है। इसके पीछे कई अंतरराष्ट्रीय कारक भी काम कर रहे हैं।
सबसे अहम बात यह है कि अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चला आ रहा टैरिफ वॉर अब थमता नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि वे चीनी आयात पर लगाए गए भारी टैरिफ को कम कर सकते हैं।
यदि ऐसा होता है तो इसका असर न केवल अमेरिका और चीन, बल्कि दुनिया भर के बाजारों पर पड़ेगा। वैश्विक ट्रेड में बहाली का माहौल बन सकता है, जिससे निवेशकों का भरोसा फिर से मजबूत होगा।
निवेशकों के लिए सलाह
फिलहाल बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है, लेकिन यह लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए खरीदारी का मौका भी हो सकता है।
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शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को सतर्क रहना चाहिए और किसी बड़ी पोजिशन से पहले बाज़ार की दिशा को समझना जरूरी होगा।
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वहीं, लॉन्ग टर्म निवेशक मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों पर फोकस कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आज शेयर बाजार दबाव में जरूर है, लेकिन इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। जैसे ही घरेलू और वैश्विक कारक स्थिरता की ओर बढ़ेंगे, बाजार फिर से रफ्तार पकड़ सकता है। निवेशकों को फिलहाल धैर्य रखने और सूझबूझ से फैसले लेने की जरूरत है।