दिवाली के आस-पास नए संवत वर्ष 2082 की शुरुआत से पहले, देश और विदेश के प्रमुख ब्रोकरेज फर्मों ने भारतीय शेयर बाजार की चाल और निवेश की रणनीति पर अपनी राय जारी की है। संवत 2081 भारतीय बाजारों के लिए धीमी वृद्धि का वर्ष रहा, जिसमें सेंसेक्स ने मात्र 3.3 प्रतिशत और निफ्टी ने 3.9 प्रतिशत की वार्षिक बढ़त दर्ज की—जो पिछले तीन वर्षों में सबसे कम थी। इसके चलते भारतीय बाजार वैश्विक समकक्षों से पिछड़ गए। वहीं, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमशः 0.1 प्रतिशत और 4.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई, जो इन सेगमेंट में कई वर्षों बाद पहली वार्षिक गिरावट थी।
इस धीमी रफ्तार के बावजूद, ब्रोकरेज फर्म संवत 2082 के लिए सतर्कतापूर्ण सकारात्मक दृष्टिकोण अपना रहे हैं। हालांकि पिछले वर्ष विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की भारी बिकवाली, उच्च मूल्यांकन और भू-राजनीतिक तनाव ने बाजार पर दबाव डाला, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) द्वारा ₹5.8 लाख करोड़ का मजबूत निवेश बाजार को मजबूती देने में कामयाब रहा।
ब्रोकरेज फर्मों का दृष्टिकोण और अनुमान
कोटक सिक्योरिटीज
घरेलू ब्रोकरेज फर्म कोटक सिक्योरिटीज को उम्मीद है कि लंबे समय तक आय (अर्निंग) में गिरावट के बाद अब स्थिरता आएगी। फर्म ने वित्तीय वर्ष 2027 में निफ्टी 50 के लिए 18 प्रतिशत की आय वृद्धि का अनुमान लगाया है। कोटक के अनुसार, प्रति शेयर आय (EPS) वित्त वर्ष 2027 में बढ़कर ₹1,297 और वित्त वर्ष 2028 में ₹1,487 हो सकती है। हालांकि, ब्रोकरेज ने आगाह किया है कि उच्च मूल्यांकन के कारण अगले 12-15 महीनों में रिटर्न मामूली रहने की संभावना है।
नुवामा रिसर्च
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म नुवामा रिसर्च का मानना है कि वैश्विक ब्याज दरों में कटौती का चक्र तेजी पकड़ रहा है। भारत में मुद्रास्फीति दर के 2 प्रतिशत से नीचे आने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा भी ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है। नुवामा को मजबूत ऋण वृद्धि (Loan Growth), बढ़ती विनिर्माण गतिविधि और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के कारण मजबूत आय की उम्मीद है। हालांकि निफ्टी का मूल्यांकन अब भी उन्हें ऊँचा लग रहा है, पर वे मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में मजबूती की उम्मीद कर रहे हैं, जो भारतीय बाजार में मांग बनाए रखेगा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज
घरेलू ब्रोकरेज एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ तनाव से उत्पन्न होने वाली अनिश्चितता और ग्लोबल सप्लाई चैन में संभावित बाधा पर चिंता जताई है, जो 2026 तक बढ़ सकती है। हालांकि, मौजूदा बढ़े हुए मूल्यांकन के बीच भी, एचडीएफसी चुनिंदा शेयरों से मुनाफे की उम्मीद कर रहा है। उनकी निवेश प्राथमिकताओं में घरेलू खपत, वित्तीय, बिजली और इंजीनियरिंग क्षेत्रों की कंपनियां शामिल हैं।
एसबीआई सिक्योरिटीज
एसबीआई सिक्योरिटीज का अनुमान है कि दोहरे अंकों में आय वृद्धि, कच्चे तेल की नरम कीमतें और अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों में संभावित प्रगति के कारण भारतीय शेयर बाजार का कमजोर प्रदर्शन जल्द ही दूर होगा। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि जीएसटी में कटौती और बेहतर मैक्रो फंडामेंटल्स के कारण वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही में त्योहारी सीजन के दौरान मजबूत खपत देखने को मिलेगी। एसबीआई सिक्योरिटीज ने ऑटो, सीमेंट, एमएसएमई और हाउसिंग फाइनेंस पर केंद्रित एनबीएफसी के शेयरों पर निवेश का सकारात्मक नजरिया जाहिर किया है। कुल मिलाकर, ब्रोकरेज फर्मों की राय है कि वैश्विक और घरेलू स्तर पर अनुकूल परिस्थितियां बनने से संवत 2082 में भारतीय बाजार में आय वृद्धि देखने को मिलेगी, हालांकि निवेशकों को उच्च मूल्यांकन के कारण चुनिंदा स्टॉक-विशिष्ट दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी गई है।