आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर हर दिन सैकड़ों फोटो और वीडियो वायरल होते हैं। इनमें से कई कंटेंट ऐसे होते हैं जो भ्रामक, झूठे या फर्जी दावों के साथ शेयर किए जाते हैं। इनमें से कुछ का मकसद सिर्फ लोगों को भ्रमित करना होता है, जबकि कई मामलों में ठगी और जालसाजी के इरादे छिपे होते हैं।
इसी तरह का एक फर्जी लिंक इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो एक फर्जी वेबसाइट से जुड़ा हुआ है। यह वेबसाइट भारत रत्न सम्मान (https://brs.inc) के नाम से बनाई गई है और दावा करती है कि यह भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने वाली एक अधिकृत संस्था है। लेकिन जब इसकी सच्चाई सामने आई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।
क्या है वायरल दावा?
सोशल मीडिया पर जो लिंक शेयर किया जा रहा है, वह एक वेबसाइट का है – **https://brs.inc**। यह वेबसाइट यह दावा करती है कि वह भारत सरकार से मान्यता प्राप्त एक सेमी-सरकारी संगठन है जो प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार जैसे भारत रत्न, पद्म विभूषण, और पद्म भूषण प्रदान करता है। वेबसाइट पर यहां तक लिखा गया है कि एक पुरस्कार समारोह 31 जुलाई 2025 को दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
लोगों को भ्रमित करने के लिए इस वेबसाइट पर सरकारी प्रतीकों, प्रतीत होते सरकारी फॉर्मेट और औपचारिक भाषा का उपयोग किया गया है, ताकि यह अधिक असली लगे।
सच्चाई क्या है?
इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम और भारत सरकार की प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की तरफ से इस वेबसाइट की जांच की गई, और पाया गया कि यह पूरी तरह फर्जी है।
PIB Fact Check ने साफ कहा कि:
"https://brs.inc नाम की वेबसाइट भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है और यह एक फर्जी पोर्टल है जो लोगों को ठगने के इरादे से बनाया गया है। इसमें किए जा रहे सभी दावे झूठे हैं।"
क्यों खतरनाक है ये वेबसाइट?
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यह वेबसाइट लोगों की संवेदनाओं और राष्ट्रीय सम्मान से जुड़े विषय का इस्तेमाल करके उन्हें लुभाती है।
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इसके माध्यम से नकली फॉर्म भरवाए जा सकते हैं, जिनमें लोग अपने नाम, पता, मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल्स आदि डाल सकते हैं।
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ऐसे मामलों में आधार, पैन कार्ड, और अन्य दस्तावेजों की कॉपी मांगकर फर्जीवाड़ा किया जा सकता है।
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कई बार लोग सम्मान पाने की चाह में नामांकन शुल्क के नाम पर पैसे भी ट्रांसफर कर देते हैं।
कैसे पहचानें फर्जी वेबसाइट?
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सरकारी वेबसाइटों का डोमेन आमतौर पर .gov.in या nic.in होता है।
→ उदाहरण: https://padmaawards.gov.in (सरकारी पोर्टल)
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वेबसाइट पर दिए गए संपर्क नंबर, ईमेल और पते को गूगल करें। अगर वे वैध नहीं हैं, तो शक करें।
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यदि वेबसाइट पर अनौपचारिक भाषा या व्याकरण की गलतियाँ हैं, तो वह फेक हो सकती है।
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किसी भी वेबसाइट पर अपनी निजी या वित्तीय जानकारी देने से पहले उसका स्रोत सत्यापित करें।
सरकार की अपील
भारत सरकार के PIB Fact Check विभाग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे:
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किसी भी संदिग्ध वेबसाइट से सावधान रहें।
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आधिकारिक पुरस्कारों से जुड़ी जानकारी केवल सरकारी पोर्टलों से ही प्राप्त करें।
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ऐसे किसी भी घोटाले की जानकारी तुरंत स्थानीय साइबर क्राइम सेल या PIB Fact Check (@PIBFactCheck) को दें।
सच्चे पुरस्कारों के लिए कहां जाएं?
यदि आप भारत सरकार के प्रतिष्ठित पुरस्कारों जैसे कि भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण आदि के बारे में जानकारी पाना चाहते हैं, तो केवल और केवल आधिकारिक वेबसाइट https://padmaawards.gov.in पर जाएं।
निष्कर्ष
आज के डिजिटल युग में जहां एक तरफ सोशल मीडिया ने संवाद के नए द्वार खोले हैं, वहीं दूसरी तरफ फर्जी वेबसाइटों और दावों ने लोगों के सामने एक नई चुनौती भी खड़ी कर दी है। ऐसे में नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि वे हर वायरल चीज़ पर आँख मूंदकर विश्वास न करें और सतर्कता से आगे बढ़ें।