मुंबई, 13 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बुधवार को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक में शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के संभावित रास्तों पर चर्चा करना था। चर्चा के दौरान ट्रम्प ने सुझाव दिया कि इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए दोनों देशों को जमीन की अदला-बदली करनी पड़ सकती है। हालांकि, यूरोपीय नेताओं ने उन्हें यह समझाने की कोशिश की कि 15 अगस्त को होने वाली उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात में ऐसा कोई समझौता न किया जाए, जिससे यूक्रेन को नुकसान उठाना पड़े। बैठक में जेलेंस्की ने कहा कि पुतिन धोखे की राजनीति कर रहे हैं। वे यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का उन पर कोई असर नहीं है, लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोनबास क्षेत्र की जमीन रूस को सौंपने से जुड़े सवाल पर जेलेंस्की ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे अपनी जमीन किसी भी हालत में नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने दोहराया कि पहले युद्धविराम होना चाहिए और उसके बाद सुरक्षा की मजबूत गारंटी मिलनी आवश्यक है।
जेलेंस्की ने यह भी स्पष्ट किया कि यूक्रेन की भूमि के बारे में कोई भी निर्णय यूक्रेन की सहमति के बिना नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि रूस को इस बात का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए कि वह यूक्रेन के यूरोप या नाटो में शामिल होने की संभावना पर वीटो लगाए। उनका आरोप था कि पुतिन शांति नहीं चाहते बल्कि यूक्रेन पर कब्जा करने की मंशा रखते हैं और इस धोखे में कोई नहीं आएगा। यूरोप और यूक्रेन को आशंका है कि ट्रम्प और पुतिन के बीच ऐसा कोई समझौता हो सकता है जिससे रूस को यूक्रेन का लगभग पांचवां हिस्सा मिल जाए। इस बैठक में फिनलैंड, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, पोलैंड, यूरोपीय यूनियन के नेता और नाटो महासचिव मार्क रूट भी मौजूद थे।