मुंबई, 05 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा में युद्धविराम की मांग को लेकर लाए गए प्रस्ताव पर अमेरिका ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर उसे रोक दिया। प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में सुरक्षा परिषद के 15 में से 14 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया, लेकिन अमेरिका ने इसका विरोध करते हुए वीटो कर दिया। प्रस्ताव में सभी बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की भी मांग शामिल थी। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत डोरोथी शिया ने कहा कि यह प्रस्ताव उस कूटनीतिक प्रयास को कमजोर करेगा, जिसके ज़रिये युद्धविराम की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका इस प्रस्ताव के पक्ष में नहीं है और इस बात में किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने दोहराया कि इजराइल को अपनी रक्षा का पूरा अधिकार है और उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि प्रस्ताव में हमास की निंदा क्यों नहीं की गई। उनके अनुसार, अमेरिका किसी ऐसे प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेगा जिसमें हमास को हथियार डालने और गाजा छोड़ने की शर्त नहीं रखी गई हो।
यह प्रस्ताव सुरक्षा परिषद के 10 देशों द्वारा मिलकर लाया गया था जिनमें अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गयाना, पाकिस्तान, पनामा, कोरिया गणराज्य, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया शामिल हैं। इसके अलावा रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे स्थायी सदस्य देशों ने भी इसका समर्थन किया था। वीटो पावर सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन को प्राप्त विशेष अधिकार है। इसके तहत यदि इन पांच में से कोई भी एक देश किसी प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करता है, तो वह प्रस्ताव पारित नहीं हो सकता, भले ही अन्य सभी 14 देश इसके पक्ष में क्यों न हों।
इसी बीच गाजा में इजराइली हमलों में तेजी देखी जा रही है। 4 जून को हुए हमलों में कम से कम 95 फिलिस्तीनी मारे गए और 440 से अधिक घायल हुए। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा के कई क्षेत्रों में लगातार बमबारी हो रही है और इजराइली सेना ने GHF केंद्रों को युद्ध क्षेत्र घोषित करते हुए वहां लोगों को जाने से मना किया है। 1 जून को दक्षिणी गाजा में सहायता वितरण के दौरान हुई गोलीबारी में 32 लोगों की जान चली गई और 232 घायल हो गए थे। 27 मई को भी 100 से अधिक लोग मारे गए थे। हमास और इजराइल के बीच जारी यह संघर्ष 1948 से चला आ रहा है, लेकिन 7 अक्टूबर 2023 को इसने बेहद हिंसक रूप ले लिया जब हमास ने इजराइल पर बड़ा हमला किया। इस हमले में 1,195 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया। इसके जवाब में इजराइल ने गाजा पर बमबारी और ज़मीनी हमला शुरू कर दिया। इस युद्ध में अब तक 55 हजार से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। गाजा में 80 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो चुकी है और पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर लगभग पूरी तरह नष्ट हो गया है।