अमेरिकी न्याय विभाग ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है कि उसे जेफरी एपस्टीन मामले से संबंधित 10 लाख से अधिक अतिरिक्त दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले (SDNY) और एफबीआई द्वारा सौंपे गए ये दस्तावेज 'एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट' के तहत जारी किए जा रहे हैं। विभाग के अनुसार, इन दस्तावेजों की समीक्षा और पीड़ितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक संशोधन (Redaction) का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ 'झूठे दावों' का पर्दाफाश
मंगलवार को जारी किए गए 30,000 पन्नों के एक अन्य बैच में न्याय विभाग ने एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण दिया। विभाग ने कहा कि इन दस्तावेजों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कुछ सनसनीखेज दावे शामिल थे, जिन्हें एफबीआई ने "पूरी तरह निराधार और झूठा" पाया है।
न्याय विभाग के मुताबिक, ये झूठे दावे 2020 के चुनावों से ठीक पहले एफबीआई को सौंपे गए थे ताकि इनका राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। विभाग ने स्पष्ट किया कि यदि इन दावों में रत्ती भर भी सच्चाई होती, तो बहुत पहले ही कानूनी कार्रवाई की जा चुकी होती।
रहस्यमयी पत्र और फर्जीवाड़े की पुष्टि
इन फाइल्स में एक चौंकाने वाला दस्तावेज भी सामने आया—एक पत्र जो कथित तौर पर एपस्टीन ने अपनी मृत्यु वाले महीने (अगस्त 2019) में दोषी यौन अपराधी लैरी नासर को लिखा था।
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फर्जी मुहर: एफबीआई की जांच में पाया गया कि इस पत्र पर एपस्टीन की मृत्यु के तीन दिन बाद की मुहर लगी थी।
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लिखावट का अंतर: विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि पत्र में प्रयुक्त लिखावट एपस्टीन की मूल लिखावट से मेल नहीं खाती।
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राष्ट्रपति का जिक्र: हालांकि पत्र में सीधे तौर पर नाम नहीं था, लेकिन "हमारे राष्ट्रपति" वाक्यांश का उपयोग किया गया था, जिसे अब आधिकारिक रूप से फर्जी घोषित कर दिया गया है।
मार-ए-लागो सम्मन और घिसलेन मैक्सवेल की जांच
जारी किए गए दस्तावेजों में 2021 का एक सम्मन भी शामिल है जो डोनाल्ड ट्रंप के मार-ए-लागो क्लब को भेजा गया था। यह सम्मन सीधे तौर पर एपस्टीन की सहयोगी घिसलेन मैक्सवेल के खिलाफ चल रही जांच से जुड़ा था। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, जांच का दायरा 1995 तक के पुराने दस्तावेजों तक फैला हुआ है, जो एपस्टीन के दशकों पुराने आपराधिक नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
आगे क्या होगा?
न्याय विभाग ने वादा किया है कि आने वाले हफ्तों में 10 लाख से अधिक दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाएगा। सामग्री की विशाल मात्रा को देखते हुए इस प्रक्रिया में समय लग सकता है। 'एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट' का उद्देश्य इस पूरे मामले में छिपे उन रसूखदार नामों और तथ्यों को उजागर करना है, जो लंबे समय से कानूनी दांवपेच के पीछे दबे हुए थे।