तुर्किये से एक अत्यंत दुखद और विचलित कर देने वाली खबर सामने आई है, जहाँ एक निजी जेट विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से लीबिया के सैन्य प्रमुख (चीफ ऑफ स्टाफ) मुहम्मद अली अहमद अल-हद्दाद समेत 8 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। यह हादसा मंगलवार शाम को उस समय हुआ जब लीबियाई प्रतिनिधिमंडल तुर्किये की राजधानी अंकारा में अपनी आधिकारिक यात्रा संपन्न कर स्वदेश लौट रहा था।
हादसे का विवरण और विमान की पहचान
जानकारी के अनुसार, जिस विमान के साथ यह हादसा हुआ वह डसॉल्ट फाल्कन 50 (Dassault Falcon 50) श्रेणी का एक सुपर मिड-साइज बिजनेस जेट था। माल्टा में पंजीकृत और 'हार्मनी जेट्स' द्वारा संचालित इस विमान (9H-DFS) ने मंगलवार रात करीब 8:30 बजे अंकारा के एसेनबोगा एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के मात्र 40 मिनट बाद ही एअर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से विमान का संपर्क पूरी तरह टूट गया।
हादसे से कुछ समय पहले, विमान ने अंकारा के पास हायमाना जिले में इमरजेंसी लैंडिंग के संकेत भी भेजे थे, लेकिन इससे पहले कि उसे सुरक्षित उतारा जाता, विमान क्रैश हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने हायमाना जिले के आसमान में एक तेज रोशनी और धमाका देखने की पुष्टि की है।
जान गंवाने वाले महत्वपूर्ण अधिकारी
लीबिया के प्रधानमंत्री अब्दुल-हमीद दबीबे ने इस घटना की पुष्टि करते हुए इसे देश के लिए एक 'अपूरणीय क्षति' बताया है। इस विमान हादसे में कुल 8 लोगों की जान गई, जिनमें शामिल थे:
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मुहम्मद अली अहमद अल-हद्दाद: लीबिया के मिलिट्री चीफ।
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अल-फितौरी घ्रैबिल: वरिष्ठ अधिकारी।
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ब्रिगेडियर जनरल महमूद अल-कतावी।
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मोहम्मद अल-असावी दियाब: चीफ ऑफ स्टाफ के सलाहकार।
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मोहम्मद उमर अहमद महजूब: सैन्य फोटोग्राफर। इसके अलावा, विमान में सवार तीन क्रू मेंबर्स की भी इस हादसे में मौत हो गई है।
हादसे के कारण और खराब मौसम की चुनौती
शुरुआती जांच और लीबियाई अधिकारियों के बयानों के अनुसार, क्रैश का मुख्य कारण तकनीकी खराबी माना जा रहा है। हालांकि, तुर्किये के गृह मंत्री अली येरलिकाया ने संकेत दिया है कि हादसे के समय मौसम काफी खराब था, जिससे विमान का संपर्क टूट गया और पायलट को नेविगेशन में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
अंकारा के पास मिले विमान के मलबे की जांच के लिए सुरक्षा एजेंसियां और फॉरेंसिक टीमें तैनात की गई हैं। हादसे की गंभीरता को देखते हुए अंकारा एयरपोर्ट को कुछ समय के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था।
लीबिया की राजनीति और सुरक्षा पर प्रभाव
मुहम्मद अली अहमद अल-हद्दाद केवल एक सैन्य अधिकारी नहीं थे, बल्कि वे पश्चिमी लीबिया के सबसे शक्तिशाली कमांडरों में से एक थे। संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में लीबिया की विभाजित सेना को एकजुट करने की जो प्रक्रिया चल रही थी, उसमें अल-हद्दाद की भूमिका बेहद अहम थी। अपनी मृत्यु से कुछ ही घंटे पहले उन्होंने तुर्किये के रक्षा मंत्री यासर गुलर से मुलाकात की थी, जो दोनों देशों के सैन्य सहयोग के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही थी। उनकी अचानक मृत्यु से लीबिया की सैन्य और राजनीतिक स्थिरता के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।
निष्कर्ष
तुर्किये और लीबिया की सरकारें इस समय निरंतर संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री दबीबे स्वयं तुर्किये के राष्ट्रपति और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। फाल्कन 50 जैसा आधुनिक सुविधाओं से लैस विमान कैसे तकनीकी विफलता का शिकार हुआ, यह जांच का प्रमुख विषय बना हुआ है। पूरे लीबिया में इस समय शोक की लहर है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस हादसे पर संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं।