पड़ोसी देश बांग्लादेश में मचे सियासी घमासान और हिंसा के बीच अंतरिम सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार को एक और बड़ा झटका लगा है। गृह मंत्रालय के विशेष सहायक और पूर्व पुलिस महानिदेशक (IGP) खुदाबख्श चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन द्वारा इस इस्तीफे को स्वीकार किए जाने के साथ ही यूनुस सरकार की स्थिरता पर सवाल उठने लगे हैं।
आइए जानते हैं बांग्लादेश के मौजूदा हालात, बड़े इस्तीफे और आगामी चुनावों से जुड़े समीकरण:
अंतरिम सरकार में इस्तीफों की झड़ी
खुदाबख्श चौधरी का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश आंतरिक सुरक्षा के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। 10 नवंबर 2024 को नियुक्त किए गए चौधरी का जाना यूनुस सरकार से हुआ चौथा बड़ा इस्तीफा है। छात्र नेता उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा ने प्रशासन को लाचार कर दिया है। गृह मंत्रालय के एक महत्वपूर्ण पद से वरिष्ठ अधिकारी का हटना यह संकेत देता है कि सरकार के भीतर सुरक्षा रणनीतियों को लेकर गहरे मतभेद या दबाव हैं।
हिंसा की आग और चर्च पर हमला
बांग्लादेश में हालात दिन-प्रतिदिन हिंसक होते जा रहे हैं। बुधवार (24 दिसंबर) को राजधानी ढाका में एक चर्च के पास हुए बम विस्फोट ने अल्पसंख्यकों और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। इस हमले में एक व्यक्ति की जान चली गई। वहीं, आक्रोशित भीड़ ने देश के दो सबसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों, 'डेली स्टार' और 'प्रथम आलो' के कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया। अभिव्यक्ति की आजादी पर इस तरह के हमले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बने हुए हैं।
17 साल बाद तारिक रहमान की वापसी
आज, 25 दिसंबर का दिन बांग्लादेश की राजनीति के लिए एक नया मोड़ साबित हो सकता है। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल के निर्वासन के बाद लंदन से स्वदेश लौट रहे हैं। 2008 में गिरफ्तारी से बचने के लिए देश छोड़ने वाले रहमान का स्वागत करने के लिए ढाका एयरपोर्ट पर करीब 1 लाख कार्यकर्ताओं के जुटने का अनुमान है। उनके लौटने से BNP समर्थकों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
चुनाव और सत्ता का भविष्य
बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव प्रस्तावित हैं। शेख हसीना सरकार के पतन के बाद यह पहला राष्ट्रीय चुनाव होगा। मौजूदा हालात को देखते हुए ये चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण कराना अंतरिम सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
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अवामी लीग पर प्रतिबंध: यूनुस सरकार ने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को चुनाव लड़ने से बैन कर रखा है। मुख्य प्रतिद्वंद्वी के मैदान से बाहर होने के कारण BNP की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
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अगला प्रधानमंत्री कौन? खालिदा जिया की गिरती सेहत और उम्र (80 वर्ष) को देखते हुए तारिक रहमान ही प्रधानमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
निष्कर्ष
बांग्लादेश वर्तमान में एक नाजुक दौर से गुजर रहा है। एक ओर चुनाव की तैयारी है, तो दूसरी ओर चरमपंथ और हिंसा का साया। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के लिए आने वाले दो महीने अग्निपरीक्षा के समान होंगे। तारिक रहमान की वापसी और खुदाबख्श चौधरी जैसे अधिकारियों का साथ छोड़ना इस बात की ओर इशारा करता है कि बांग्लादेश की सत्ता की बागडोर अब एक नए और संभवतः अधिक कट्टरपंथी राजनीतिक दौर की ओर बढ़ रही है।