दक्षिण-पूर्वी एशिया के कंबोडिया और थाईलैंड सीमा विवाद के बीच एक अत्यंत संवेदनशील मामला सामने आया है। थाई सेना द्वारा कथित तौर पर एक प्राचीन हिंदू देवता की प्रतिमा को ध्वस्त किए जाने की खबरों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल पैदा कर दी है। भारत ने बुधवार (24 दिसंबर 2025) को इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे दुनिया भर के हिंदू भक्तों की भावनाओं का अपमान करार दिया है।
क्या है पूरा मामला?
सोशल मीडिया पर वायरल हुए विचलित करने वाले वीडियो में देखा जा सकता है कि एक बैकहो लोडर (जेसीबी जैसी मशीन) का उपयोग करके भगवान विष्णु की एक भव्य प्रतिमा को धराशायी किया जा रहा है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, यह घटना कंबोडियाई क्षेत्र के आन सेस इलाके में हुई। कंबोडिया के प्रेह विहार प्रांत के प्रवक्ता लिम चानपन्हा ने पुष्टि की कि वर्ष 2014 में निर्मित इस विष्णु प्रतिमा को सोमवार (22 दिसंबर) को थाईलैंड की सीमा से मात्र 100 मीटर की दूरी पर ध्वस्त कर दिया गया।
यह क्षेत्र लंबे समय से थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद का केंद्र रहा है। कंबोडियाई अधिकारियों ने इस तोड़फोड़ को धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का अपमान बताते हुए इसकी कड़ी भर्त्सना की है।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमें हाल ही में एक हिंदू देवता की मूर्ति को ध्वस्त किए जाने की खबरें मिली हैं, जो थाई-कंबोडिया सीमा विवाद से प्रभावित क्षेत्र में स्थित थी।
भारत ने इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण-पूर्वी एशिया के इस क्षेत्र के लोग हिंदू और बौद्ध देवी-देवताओं का बहुत ही श्रद्धापूर्वक सम्मान करते हैं। जायसवाल ने कहा, "यह हमारी साझा सभ्यतागत विरासत का हिस्सा है। ऐसे अपमानजनक कृत्य न केवल सांस्कृतिक धरोहर को नुकसान पहुँचाते हैं, बल्कि दुनियाभर में करोड़ों हिंदू भक्तों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाते हैं। ऐसे कृत्य कतई नहीं होने चाहिए।"
कूटनीति और शांति की अपील
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा को लेकर झड़पें इसी साल जुलाई में शुरू हुई थीं। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से एक युद्धविराम (Ceasefire) हुआ था, लेकिन दिसंबर के इस महीने में संघर्ष एक बार फिर भड़क उठा है। भारत ने दोनों पड़ोसी देशों से संयम बरतने और जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए बातचीत और कूटनीति का सहारा लेने की अपील की है।
साझा सांस्कृतिक विरासत का महत्व
कंबोडिया और थाईलैंड, दोनों ही देशों का इतिहास और संस्कृति भारत के साथ गहराई से जुड़ी हुई है। विश्व प्रसिद्ध अंगकोर वाट मंदिर कंबोडिया में ही स्थित है, जो भगवान विष्णु को समर्पित रहा है। थाईलैंड की संस्कृति में भी हिंदू महाकाव्यों और प्रतीकों का विशेष स्थान है। ऐसे में एक हिंदू देवता की प्रतिमा का राजनीतिक या सैन्य विवाद के चलते तोड़ा जाना धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक संरक्षण के वैश्विक प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।