जकार्ता/सेमारंग: इंडोनेशिया के मध्य जावा प्रांत में सोमवार तड़के एक हृदयविदारक सड़क हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। राजधानी जकार्ता से ऐतिहासिक शाही शहर योग्यकार्ता जा रही एक यात्री बस अनियंत्रित होकर कंक्रीट के डिवाइडर से टकरा गई, जिससे 16 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस भयानक टक्कर में 18 अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
तेज रफ्तार और घुमावदार मोड़ बनी काल स्थानीय प्रशासन और सेमारंग सर्च एंड रेस्क्यू ऑफिस के प्रमुख बुडियोनो के अनुसार, यह हादसा सोमवार रात करीब 12:30 बजे सेमारंग शहर के पास क्राप्याक टोल एग्जिट (Krapyak Toll Exit) पर हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 34 यात्रियों से भरी यह बस काफी तेज गति में थी। जैसे ही बस एक तीखे घुमावदार मोड़ पर पहुँची, चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया। बस सीधे कंक्रीट की मजबूत दीवार से जा भिड़ी और जोरदार धमाके के साथ पलट गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह पिचक गया और खिड़कियों के शीशे अंदर बैठे यात्रियों के शरीर में धंस गए।
रेस्क्यू ऑपरेशन में आईं भारी चुनौतियां हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय राहगीरों ने पुलिस और बचाव दल को सूचित किया। करीब 40 मिनट के भीतर रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुँचीं, लेकिन मंजर बेहद खौफनाक था। बस के दरवाजे लॉक हो चुके थे और यात्री मलबे के बीच दबे हुए थे। रेस्क्यू हेड बुडियोनो ने बताया कि फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए बचाव दल को गैस कटर का उपयोग कर बस की बॉडी को काटना पड़ा। इसके साथ ही, बस से रिस रहे तेल और खुले तारों के कारण आग लगने का भारी खतरा बना हुआ था, जिसे टालने के लिए टीम ने पहले बिजली के कनेक्शन काटे और तेल के रिसाव को सुरक्षित किया।
अस्पताल में मची चीख-पुकार बचाव दल ने मलबे से 6 शवों को तुरंत बरामद किया, जबकि 10 अन्य यात्रियों ने अस्पताल ले जाते समय या इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। कुल 18 घायलों को पास के दो अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, 5 यात्रियों की स्थिति अत्यंत नाजुक है, जिन्हें आईसीयू में रखा गया है। पुलिस ने मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर उन्हें परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सुरक्षा मानकों पर उठ रहे सवाल इंडोनेशिया में हाल के दिनों में यह दूसरा बड़ा हादसा है। इससे पहले जकार्ता में एक गोदाम में आग लगने से 5 लोगों की जान चली गई थी। लगातार हो रहे इन हादसों ने स्थानीय प्रशासन को सुरक्षा नियमों की समीक्षा करने पर मजबूर कर दिया है। सरकार ने इस बस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और रिपोर्ट तलब की है। प्रारंभिक जांच में तेज रफ्तार और मानवीय चूक को हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इंटर-सिटी बसों के लिए सख्त गति सीमा और थकान से बचने के लिए ड्राइवरों के लिए अनिवार्य विश्राम के नियमों को और कड़ा किया जाएगा।