मुंबई, 02 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कोलकाता के लॉ कॉलेज में गैंगरेप के मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। उसकी बैचमेट रही एक लड़की ने बताया कि कॉलेज में लौटने के बाद उसने पूरा माहौल अपने काबू में कर लिया था और उससे बचने के लिए उसने कॉलेज जाना ही छोड़ दिया था। मनोजीत ने 2022 में कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया था और दो साल बाद 2024 में अस्थायी तौर पर नौकरी शुरू की। बताया जा रहा है कि उस समय कॉलेज में स्टाफ की भारी कमी थी, जिससे एडहॉक नियुक्ति की गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनोजीत की मौजूदगी में लड़कियां असहज महसूस करती थीं। वह लड़कियों की तस्वीरें लेता, उन्हें कॉलेज ग्रुप में पोस्ट करता और आए दिन लड़कियों को प्रपोज करता था।
कॉलेज में उसकी पहुंच इतनी थी कि हर दस्तावेज, हर स्टूडेंट की जानकारी, फोन नंबर और पते तक उसके पास होते थे। छात्रों और प्रशासन के बीच उसे विशेष दर्जा प्राप्त था। 25 जून को कॉलेज में एक छात्रा से गैंगरेप हुआ, जिसमें मनोजीत मिश्रा मुख्य आरोपी है। अन्य दो आरोपी जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी मौजूदा छात्र हैं। सभी को 26 जून को गिरफ्तार किया गया और कोर्ट ने उनकी पुलिस हिरासत 8 जुलाई तक बढ़ा दी है। कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी की हिरासत 4 जुलाई तक बढ़ाई गई है। कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नयना चटर्जी ने बताया कि घटना की जानकारी कॉलेज को मीडिया के जरिए मिली और किसी छात्र या पीड़िता ने सीधे शिकायत नहीं की थी। पुलिस को कॉलेज में जांच की अनुमति एक दिन बाद दी गई, जिसके तहत ग्राउंड फ्लोर के दो कमरों को सील कर दिया गया है। वाइस प्रिंसिपल ने यह भी स्वीकार किया कि सिक्योरिटी गार्ड ने अपनी ड्यूटी सही से नहीं निभाई।
पुलिस जांच में पता चला कि पीड़िता ने आरोपियों से अस्पताल ले चलने की गुहार लगाई थी, लेकिन जब वे नहीं माने तो उसने इनहेलर लाने की बात कही। आरोपी जैब अहमद ने मेडिकल स्टोर से इनहेलर मंगवाया, जिसका CCTV फुटेज भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, घटना स्थल से मिले डिजिटल सबूत और मेडिकल रिपोर्ट पीड़िता की बातों से मेल खाते हैं। पुलिस ने तीनों आरोपियों के कॉल रिकॉर्ड की भी जांच की, जिसमें पाया गया कि मनोजीत ने घटना के अगले दिन वाइस प्रिंसिपल को फोन किया था। पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में रेप, शारीरिक हमले, नाखूनों के खरोंच और काटने के निशानों की पुष्टि हुई है। पुलिस ने तीनों आरोपियों से फ्लूइड, यूरिन और बालों के सैंपल लिए हैं और जांच में पाया गया कि यह वारदात पूर्व नियोजित थी। मनोजीत पीड़िता को कॉलेज में दाखिले के पहले दिन से ही निशाना बना रहा था और बाकी दोनों आरोपी भी लंबे समय से उसका पीछा कर रहे थे।
कॉलेज प्रशासन ने मनोजीत को नौकरी से निकाल दिया है और दोनों छात्र आरोपियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा, बार काउंसिल से मनोजीत की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश भी की गई है क्योंकि वह प्रैक्टिसिंग एडवोकेट था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट में CBI जांच की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मुख्य आरोपी का संबंध राज्य की सत्ताधारी पार्टी TMC से है, इस कारण निष्पक्ष जांच के लिए CBI को निर्देश दिया जाए। याचिका में पीड़िता को मुआवजा देने और सरकारी शिक्षा संस्थानों में लड़कियों की सुरक्षा के लिए सिविल वॉलंटियर तैनात करने की मांग की गई है। कॉलेज के CCTV फुटेज में 25 जून की दोपहर 3:30 बजे से रात 10:50 बजे तक की घटनाएं रिकॉर्ड हुई हैं, जिसमें पीड़िता को गार्ड रूम में जबरदस्ती ले जाते हुए देखा गया। इससे पीड़िता की शिकायत की पुष्टि होती है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि अगर पीड़िता की पहचान उजागर की गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।