मुंबई, 09 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 26/11 मुंबई हमले से जुड़े बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनके नाम से झूठी बातें जोड़ी हैं। चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि यह देखकर निराशा हुई कि भारत के प्रधानमंत्री ने मेरे नाम से ऐसी काल्पनिक बातें जोड़ीं, जिनका कोई आधार नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि 2008 के आतंकी हमले के बाद देश की सेनाएं पाकिस्तान पर कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार थीं, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आतंकियों के सामने घुटने टेक दिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता, जो उस समय देश के गृह मंत्री थे, ने खुद यह बात एक इंटरव्यू में मानी थी कि विदेशी दबाव के चलते भारत ने सैन्य कार्रवाई नहीं की। मोदी ने हालांकि अपने भाषण में चिदंबरम का नाम नहीं लिया था, लेकिन उन्होंने उनके 30 सितंबर को दिए इंटरव्यू का जिक्र किया था।
दरअसल, मनमोहन सिंह सरकार में गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि 26/11 के मुंबई हमले के बाद उनके मन में भी बदला लेने का विचार आया था। उन्होंने बताया था कि उस समय पूरी दुनिया का दबाव था कि भारत युद्ध की राह न अपनाए। तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री दिल्ली आईं और उन्होंने भारत से सैन्य कार्रवाई न करने की अपील की थी। चिदंबरम ने कहा था कि प्रधानमंत्री और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ इस विषय पर चर्चा की गई थी, लेकिन विदेश मंत्रालय का मानना था कि सीधा हमला नहीं किया जाना चाहिए। इसी कारण तत्कालीन सरकार ने सैन्य कार्रवाई न करने का फैसला लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने 8 अक्टूबर को मुंबई में अपने संबोधन के दौरान कहा था कि 2008 में जब मुंबई पर आतंकी हमला हुआ, तब की कांग्रेस सरकार ने कमजोरी का संदेश दिया था और आतंकियों के सामने झुक गई थी। मोदी ने कहा था कि देश की सेनाएं पाकिस्तान पर हमला करने के लिए तैयार थीं, लेकिन कांग्रेस सरकार ने विदेशी दबाव में आकर कदम पीछे खींच लिए। 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमले में 175 लोगों की जान गई थी। 60 घंटों तक 10 आतंकियों ने ताज होटल, सीएसटी रेलवे स्टेशन, नरीमन हाउस और कामा हॉस्पिटल समेत कई जगहों पर हमला किया था। सुरक्षाबलों ने तीन दिन की कड़ी कार्रवाई के बाद नौ आतंकियों को मार गिराया और एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा था। कसाब को बाद में फांसी दी गई थी।