बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद, नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने युवाओं को साधने के लिए एक अभूतपूर्व चुनावी ऐलान किया है। तेजस्वी यादव ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए संकल्प लिया कि यदि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाला महागठबंधन सत्ता में आता है, तो बिहार के हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। तेजस्वी ने घोषणा की कि उनकी सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर इस संबंध में एक अधिनियम (Act) बनाया जाएगा और अगले 20 महीने के भीतर उन सभी परिवारों को सरकारी नौकरी दी जाएगी, जिनके पास वर्तमान में कोई सरकारी नौकरी नहीं है।
"तेजस्वी का संकल्प: हर घर सरकारी नौकरी"
युवाओं को सीधे संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि यह उनका संकल्प है: "हर घर सरकारी नौकरी। हो सरकार में भागीदारी, हर युवा की हिस्सेदारी।" उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी जीत का जश्न किसी राजनीतिक जीत का नहीं होगा, बल्कि "जॉब का जश्न होगा, नौकरी का जश्न होगा।" तेजस्वी ने यह घोषणा करके पिछली सरकारों के चुनावी वादों से खुद को अलग करने की कोशिश की है, खासकर तब, जब बिहार में बेरोजगारी एक बड़ा चुनावी मुद्दा है। तेजस्वी ने अपनी पिछली 17 महीने की संक्षिप्त सत्ता का डेटा भी गिनाया। उन्होंने कहा कि 17 महीने के कार्यकाल में उन्होंने 5 लाख नौकरियां दीं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर मलाल जताया कि वह इससे ज्यादा नहीं कर पाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर उन्हें पूरे 5 साल तक सत्ता में रहने का अवसर मिलता है, तो उनका सबसे बड़ा फोकस रोजगार सृजन पर होगा।
वैज्ञानिक अध्ययन और डेटा का दावा
आरजेडी नेता ने अपनी इस महत्वाकांक्षी घोषणा की व्यवहार्यता पर उठने वाले सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन के सत्ता में आने पर वे उन सभी परिवारों को रोजगार देंगे, जिनके पास सरकारी नौकरी नहीं है, और यह वादा कोई "जुमलेबाजी" नहीं है। तेजस्वी यादव ने कहा, "हमने इसका वैज्ञानिक अध्ययन किया है, हमारे पास सर्वेक्षण के आधार पर ऐसे सभी परिवारों का डेटा है।" उन्होंने आगे कहा, "अगर हम यह घोषणा कर रहे हैं, तो यह मेरी प्रतिज्ञा है कि हम वही कर रहे हैं जो संभव है। हम किसी को धोखा नहीं दे रहे हैं। तेजस्वी को सबूत देने की जरूरत नहीं है।" उन्होंने अपने छोटे कार्यकाल में दी गई 5 लाख नौकरियों के आंकड़े को अपने वादे का सबूत बताया।
यह घोषणा बिहार के चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव ला सकती है, जहाँ एक बड़ी युवा आबादी रोजगार की तलाश में है। यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए और अन्य विपक्षी दल इस 'मास्टरस्ट्रोक' का मुकाबला कैसे करते हैं। इस बीच, महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर भी घमासान मचा हुआ है, जैसा कि डिप्टी CM पद पर टूट की अटकलों से सामने आया है।