रक्षाबंधन 2025 पर संजय दत्त ने अपने सोशल मीडिया पर एक प्यारी सी तस्वीर शेयर की, जिसमें वो अपनी बहनों प्रिया दत्त, नम्रता कुमार और अंजूके साथ नजर आ रहे हैं। उन्होंने कैप्शन में लिखा, प्रिया और अंजू, तुम्हें अपनी बहनों के रूप में पाना मेरे लिए ज़िंदगी का सबसे बड़ा आशीर्वाद है। मेरेजीवन को प्यार और शक्ति से भरने के लिए शुक्रिया। रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ!" साधारण शब्दों में कही गई ये बात, उनके रिश्ते की गहराई औरजिंदगी की उतार-चढ़ाव को दर्शाती है।
प्रिया दत्त, जो खुद एक पूर्व सांसद हैं और सुनील दत्त और नरगिस की बेटी हैं, उन्होंने भी एक इमोशनल पोस्ट डाली। उन्होंने लिखा: "कुछ तस्वीरें सिर्फयादें ही नहीं समेटे होतीं... जो धागा हमें बांधता है, वह कभी दूरी पर निर्भर नहीं करता।"
यह लाइनें संजय के जीवन के उन पहलुओं की याद दिलाती हैं जब वो अपनी बहनों से दूर रहे—चाहे वो कानूनी परेशानियाँ रही हों, या कैंसर से जंग, या फिर व्यक्तिगत संघर्ष। लेकिन इन सभी मुश्किलों में उनकी बहनों का प्यार और सपोर्ट हमेशा बना रहा।
रक्षाबंधन, जिसकी जड़ें महाभारत जैसे ग्रंथों में हैं, आज के समय में सिर्फ राखी बांधने का त्योहार नहीं रह गया है। यह त्योहार अब भाई-बहन के रिश्तोंमें भावनात्मक सुरक्षा का प्रतीक बन चुका है। संजय दत्त का जीवन, जो नशे की लत, जेल की सज़ा, और जानलेवा बीमारी से लड़कर फिर से खड़ाहुआ, उनकी बहनों की मजबूती और समर्थन के बिना अधूरा होता।
इस बार शेयर की गई फैमिली तस्वीरें सिर्फ एक त्योहार की नहीं, बल्कि एकता, माफ़ी और मोक्ष की भी कहानी कहती हैं। एक अध्ययन के अनुसार, मजबूत भाई-बहन का रिश्ता मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है—और संजय दत्त इसका जीता-जागता उदाहरण हैं।