अनुभवी फ़िल्ममेकर अनंत महादेवन की बहुचर्चित बायोपिक फुले 25 अप्रैल 2025 को रिलीज़ होने जा रही है। इस फ़िल्म में प्रतिक गांधी औरपत्रलेखा भारत के महान समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले की भूमिकाओं में नज़र आएंगे। फ़िल्म ट्रेलर रिलीज़ के बाद कुछ विरोधकी आवाज़ें उठीं, जिस पर डायरेक्टर अनंत महादेवन ने एक भावुक प्रतिक्रिया दी है।
महादेवन ने कहा, “जब ज्योतिराव और सावित्रीबाई फुले ने अपना मिशन शुरू किया, उन्हें पता था कि ये लड़ाई 100 सालों में खत्म नहीं होगी। यहएक ऐसी शुरुआत थी, जिसे पीढ़ियों तक आगे बढ़ाना था। हमने ये फ़िल्म उसी शुरुआत को सम्मान देने के लिए बनाई है — जातिवाद, लैंगिकभेदभाव और अशिक्षा के खिलाफ़ पहले कदम को याद दिलाने के लिए।”
उन्होंने आगे कहा, “आज हम एक ऐसी दुनिया में जी रहे हैं जहाँ लड़कियाँ स्वतंत्र हैं, समाज बदला है — ये बदलाव फुले दंपति की सोच और संघर्षकी वजह से मुमकिन हुआ। वे भारत के पहले 'फ्यूचरिस्टिक' कपल थे, जिन्होंने अपने समय से बहुत आगे की सोच रखी। आज भी हमें ऐसे ही लोगोंकी ज़रूरत है, जो समाज के लिए डटे रहें।”
ट्रेलर के बाद हुए विरोध पर उन्होंने स्पष्ट किया, “अगर आपने सिर्फ़ एक-दो मिनट के ट्रेलर से तय कर लिया कि ये फ़िल्म ब्राह्मणों के खिलाफ़ है, तो येग़लतफ़हमी है। इतिहास गवाह है कि फुले दंपति को पहला स्कूल खोलने में ब्राह्मणों ने ही साथ दिया था। लिबरल ब्राह्मण उस समय ज़्यादा थे। मैंभरोसा दिलाता हूँ — फ़िल्म देखने के बाद हर वर्ग के लोग गर्व महसूस करेंगे। थोड़ा सब्र रखिए, 25 अप्रैल तक रुकिए। फ़िल्म देखने के बाद हीअपना निर्णय लीजिए।”