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Fact Check: चैंपियंस ट्रॉफी मैच के दौरान क्या मोहम्मद शमी को अपना रोजा तोड़ने पर किया गया मजबूर? जानें वायरल दावे का सच

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Posted On:Monday, March 10, 2025

सोशल मीडिया आज सूचना का सबसे बड़ा स्रोत बन चुका है। लेकिन इसमें वायरल होने वाली हर खबर या वीडियो की सच्चाई जानना बेहद जरूरी है। हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने कई लोगों को भ्रमित कर दिया। यह वीडियो चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान उनके रोज़ा न रखने को लेकर चर्चा में है। लेकिन जब इसकी गहराई से जांच की गई, तो पूरी कहानी कुछ और ही निकली। आइए जानते हैं, आखिर इस वायरल वीडियो की सच्चाई क्या है।

क्या वायरल हो रहा है?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया कि मोहम्मद शमी रमजान के पवित्र महीने में रोज़ा न रखने के लिए मुस्लिम समुदाय से माफी मांग रहे हैं। वीडियो में शमी कहते हुए नजर आ रहे हैं,

"हां, मैंने उस दिन रोज़ा तोड़ा था। मुस्लिम भाइयों और बहनों, कृपया मुझे गलत न समझें। मुझे रोज़ा तोड़ने के लिए मजबूर किया गया, अन्यथा वे मेरा करियर बर्बाद कर देते। मैं अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों से फिर से माफी मांगता हूं।"

इस वीडियो को शेयर करते हुए कई यूजर्स ने लिखा, “मोहम्मद शमी ने अपनी गलती मानी और माफी मांगी।”

कैसे हुआ सच्चाई का खुलासा?

जब इंडिया टीवी ने वायरल हो रहे इस वीडियो की जांच की, तो उन्होंने कई प्रमुख बिंदुओं पर गौर किया।

  • सबसे पहले, उन्होंने शमी के एक्स (पूर्व में ट्विटर) और इंस्टाग्राम अकाउंट्स को खंगाला। लेकिन वहां इस तरह का कोई वीडियो या पोस्ट नहीं मिला।
  • फिर उन्होंने वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स का रिवर्स इमेज सर्च किया।
  • इस सर्च में पता चला कि मोहम्मद शमी ने 11 अप्रैल 2024 को अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था।
  • उस असली वीडियो में शमी अपने परिवार और दोस्तों के साथ ईद की शुभकामनाएं दे रहे थे।
  • वायरल हो रहे वीडियो में उसी वीडियो की क्लिप को एडिट करके झूठे दावे जोड़ दिए गए थे।

फैक्ट चेक में क्या निकला?

फैक्ट चेक के नतीजों में स्पष्ट हुआ कि यह वीडियो पूरी तरह एडिटेड है।

  • मोहम्मद शमी ने कहीं भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि उन्होंने रोज़ा न रखने के लिए मजबूरी बताई हो या माफी मांगी हो।
  • यह वीडियो सिर्फ फर्जी दावों के साथ सोशल मीडिया पर फैलाया गया है ताकि लोगों में भ्रम पैदा हो।

क्या करें ऐसे मामलों में?

  • किसी भी वीडियो या खबर को तथ्य जांचे बिना साझा न करें
  • केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही खबरों की पुष्टि करें।
  • फर्जी खबरों से बचाव के लिए फैक्ट-चेकिंग प्लेटफॉर्म्स की मदद लें।

निष्कर्ष

मोहम्मद शमी का वायरल वीडियो संपूर्ण रूप से एडिट किया गया है और इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। क्रिकेटर ने रमजान के महीने में रोज़ा न रखने को लेकर किसी तरह का स्पष्टीकरण या माफी नहीं मांगी है। ऐसे में जरूरी है कि हम सभी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों की सच्चाई जानें और ग़लत जानकारी फैलाने से बचें।


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