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Fact Check: पाकिस्तानी झंडे में लिपटे ताबूतों की फोटो गलत दावे से वायरल, बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक से जोड़ा जा रहा नाता; जानें सच

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Posted On:Tuesday, March 18, 2025

आए दिन सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें और तस्वीरें वायरल होती रहती हैं, जिनका सच्चाई से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं होता। हाल ही में एक ऐसी ही फोटो सोशल मीडिया पर ज़ोर-शोर से वायरल हो रही है। इस फोटो में कई ताबूत पाकिस्तानी झंडे में लिपटे हुए नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स इस तस्वीर को पाकिस्तान में हुए ट्रेन हाईजैक से जोड़कर तेजी से शेयर कर रहे हैं। लेकिन, जब इस दावे की पड़ताल की गई तो सच कुछ और ही सामने आया।

क्या हो रहा है वायरल?

इस वायरल फोटो को कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और व्हाट्सएप पर शेयर किया जा रहा है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक के दौरान कई सैनिक मारे गए और उनके शव ताबूत में लिपटे हुए हैं। एक वायरल पोस्ट में लिखा गया है—
"कायर थे, लड़े बिना ही कुत्ते की मौत मारे गए!"
इस तरह की भ्रामक टिप्पणियां और दावे तेजी से लोगों का ध्यान खींच रहे हैं।

फैक्ट चेक में क्या निकला?

जयपुर वोकल्स की फैक्ट चेक टीम ने इस वायरल दावे की गहराई से जांच की। रिवर्स इमेज सर्च की मदद से जब इस फोटो की पड़ताल की गई, तो एक अलग ही सच्चाई सामने आई।
यह तस्वीर साल 2011 की एक खबर से ली गई थी, जिसमें पाकिस्तान के मरदान स्थित एक मिलिट्री बेस पर हुए आत्मघाती हमले की रिपोर्ट थी। इस हमले को तालिबानी आतंकियों ने अंजाम दिया था, जिसमें 31 सैनिक और कैडेट मारे गए थे और 40 से अधिक घायल हुए थे।

बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक का कोई संबंध नहीं

फैक्ट चेक में साफ हो गया कि यह फोटो बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक की नहीं है।
दरअसल, हाल में पाकिस्तान में बलूचिस्तान के क्षेत्र में एक ट्रेन हाईजैक की खबरें जरूर आई थीं, लेकिन उसमें ऐसी किसी भी घटना या सैनिकों की मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वायरल हो रही फोटो पूरी तरह से भ्रामक संदर्भ में पेश की जा रही है।

फर्जी खबरों से कैसे बचें?

  1. किसी भी खबर को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की जांच जरूर करें।
  2. रिप्यूटेबल न्यूज सोर्स और सरकारी बयान ही मान्य सूचना का स्रोत बनाएं।
  3. सोशल मीडिया पर दिख रही किसी भी तस्वीर या वीडियो को तथ्यहीन दावे के साथ साझा करने से बचें।

निष्कर्ष

जयपुर वोकल्स द्वारा की गई फैक्ट चेकिंग से स्पष्ट हो जाता है कि वायरल हो रही पाकिस्तानी ताबूतों की फोटो पुरानी घटना से संबंधित है, न कि बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक से।
लोगों को सतर्क रहना चाहिए और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही भ्रामक खबरों से बचना चाहिए।


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