राजस्थान के अलवर जिले का भानगढ़ किल्ला है भारत का सबसे रहस्यमय किल्ला | 17 वीं शताब्दी में निर्मित, भानगढ़ किला राजस्थान में एक गतिविधि का केंद्र था। किंवदंती के अनुसार, यह इतना सुंदर था कि जयपुर के गुलाबी शहर को इसके डिजाइन के बाद बनाया गया था। किंवदती है कि यह किला और भानगढ़ कस्बा एक शाप के कारण एक रात में ही खंडहर में तब्दील हो गए थे। परन्तु कुछ समय बाद | यह किला और भानगढ़ कस्बा एक शाप के कारण एक रात में ही खंडहर में तब्दील हो गए थे। तभी से यहां सिर्फ खंडहर ही बचे हैं और उनमें चलता है भूतों का राज। यहां रात के समय में रुकना कतई मना है। आज तक कोई भी इस जगह पर रात गुजारने की हिमाकत नहीं कर सका। इतना ही किले के पास भारतीय पुरातत्व बोर्ड के नोटिस बोर्ड पर भी सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच पर्यटकों के प्रवेश की मनाही है। इस किले की देख रेख भारत सरकार द्वारा की जाती है।
यहां के स्थानीय निवासी बताते हैं कि रात के समय इस किले से तरह तरह की भयानक आवाजें आती हैं। उनका तो यह भी कहना है कि आज तक रात के समय जो भी इस किले के अंदर गया वह वापस नही लौटा | भानगढ़ किल्ले की दो से तीन कहानिया है जिनमे से एक है की "भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती अपूर्व सुन्दरी थी जिसके स्वयंवर की तैयारी चल रही थी। उसी राज्य में एक तांत्रिक सिंघिया नाम का था जो राजकुमारी को पाना चाहता था परन्तु यह सम्भव नहीं था। इसलिए तांत्रिक सिंघिया ने राजकुमारी की दासी जो राजकुमारी के श्रृंगार के लिए तेल लाने बाजार आयी थी उस तेल को जादू से सम्मोहित करने वाला बना दिया। राजकुमारी रत्नावती के हाथ से वह तेल एक चट्टान पर गिरा तो वह चट्टान तांत्रिक सिंघिया की तरफ लुढ़कती हुई आने लगी और उसके ऊपर गिरकर उसे मार दिया। तांत्रिक सिंघिया मरते समय उस नगरी व राजकुमारी को नाश होने का श्राप दे दिया जिससे यह नगर ध्वस्त हो गया” | पुरातत्व विभाग ने यहाँ आने वाले पर्यटकों को सख्त हिदायत दी है की सूर्यास्त के बाद इस इलाके में किसी भी व्यक्ति के रुकने में लिए मनाही है |