शिव अय्यादुरई का जन्म 1964 में मुंबई में रहने वाले एक तमिल परिवार में हुआ था। 7 साल की उम्र में शिवा अपने माता-पिता के साथ अमेरिका चले गए। 1978 में 14 साल की उम्र में शिवा हाई स्कूल में पढ़ रहे थे। इस दौरान उन्होंने कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखने के लिए न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के कूरेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेज में एक विशेष ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम में भाग लिया।
इसके बाद उन्होंने न्यू जर्सी के लिविंगस्टन हाई स्कूल से पढ़ाई की। कुछ समय बाद उन्हें न्यू जर्सी के मेडिसिन एवं डेंटिस्ट्री विश्वविद्यालय में रिसर्च फेलो के रूप में काम करने का अवसर मिला। उसके बाद साल 1978 में अपनी फेलोशिप के दौरान शिव ने दुनिया का पहला इंटरऑफिस मेल सिस्टम विकसित किया, जिसका नाम 'ई-मेल' रखा गया। इसमें इनबॉक्स, आउटबॉक्स, फोल्डर, एड्रेस बुक, मेमो जैसे सभी अटैचमेंट थे। बाद में, अय्यादुरई के कार्यक्रम को आधिकारिक तौर पर ई-मेल के आविष्कारक के रूप में मान्यता दी गई। उनके आविष्कार के लिए पहला अमेरिकी कॉपीराइट 1978 में प्रदान किया गया था। उस समय, सॉफ़्टवेयर आविष्कारों की सुरक्षा के लिए कॉपीराइट ही एकमात्र उपलब्ध तरीका था।
आज ईमेल के बिना दुनिया में जीवित रहना मुश्किल लगता है। यह अकल्पनीय है कि ईमेल ने काम को सरल बनाने और लाखों टन कागज बचाने में कितनी मदद की है। लेकिन क्या आप उस व्यक्ति को जानते हैं जिसने यह ईमेल खोजा है? अधिकांश लोग शायद यही सोचेंगे कि ईमेल का आविष्कार किसी विदेशी ने किया था। लेकिन इसलिए नहीं कि ईमेल का आविष्कार किसी भारतीय ने किया था. यह अनोखी खोज करने वाले भारतीय का नाम वीए शिवा अय्यादुरई है। जो भारतीय मूल के अमेरिकी हैं.