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Bhairon Singh Shekhawat Birthday : राजस्थान के पहले गैर-कांग्रेसी सीएम जिन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ी और शुरू कर दी थी खेती, कुछ ऐसा रहा इनक राजनीतिक सफर

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Posted On:Monday, October 23, 2023

बेहद साधारण परिवार से आने वाले राजस्थान के एक नेता, जिन्होंने धीरे-धीरे राज्य की राजनीति में अपनी पहचान बनाई और लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई। वहीं, उनके कदम राज्य की राजनीति तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी उतरे और देश के 11वें उपराष्ट्रपति बने। दरअसल हम बात कर रहे हैं भैरों सिंह शेखावत की.

आज उनकी जयंती है.ऐसे मौके पर हम आपको बताते हैं उनसे जुड़ी 10 अहम बातें...

1- भैरो सिंह शेखावत का जन्म 23 अक्टूबर 1923 को हुआ था. उनकी जन्मस्थली सीकर जिले का खाचरियावास गांव है। उनके पिता का नाम देवी सिंह शेखावत और माता का नाम कंवर था।
2- उनके बारे में कहा जाता है कि उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल में हुई थी. इसके बाद उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई गांव से तीस किलोमीटर दूर जोबनेर से की। यहां वह पैदल पढ़ने जाते थे।
3- कहा जाता है कि जब उन्होंने जयपुर के महाराजा कॉलेज में एडमिशन लिया तो उनके पिता की मृत्यु हो गई. इसके बाद उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और परिवार की जिम्मेदारी उन पर आ गई।
4- अपने पिता की मृत्यु के बाद वह पुलिस सेवा में शामिल हो गये। हालाँकि, शेखावत को पुलिस की नौकरी पसंद नहीं आई और उन्होंने इस्तीफा देकर खेती शुरू कर दी।
5- भारत की आजादी के बाद शेखावत 1952 में राजनीति में आये और विधायक बने। वे संघ स्वयंसेवक थे। 1948 में जनसंघ से जुड़े। 1977 में राजस्थान के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने। 1980
6 साल की उम्र में शेखावत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। इसके बाद वह 1990 में दूसरी बार और 1993 में तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। वहीं, वह 1974 से 1977 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे।
7- राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने अनेक विकास कार्य किये। शेखावत ने शिक्षा की स्थिति में सुधार, बालिकाओं के उत्थान और उनके कल्याण, अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़े वर्ग और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए कदम उठाए।
8- शेखावत ने राज्य के कई विकास कार्यों पर परिवार नियोजन के नकारात्मक प्रभावों के बारे में राज्य की आम जनता को जानकारी दी.
9- राजस्थान में 'अंत्योदय' योजना के सफल क्रियान्वयन से प्रभावित होकर पूरे देश ने इस योजना को अपनाया। विश्व बैंक के तत्कालीन प्रमुख श्री रॉबर्ट मैकमारा ने भैरो सिंह को दूसरा रॉक फेयर कहा था, जिन्होंने अमेरिका में शिक्षा, गरीबी उन्मूलन और समाज सेवा के क्षेत्र में असाधारण काम किया था।
भैरों सिंह शेखावत की 10-15 मई 2010 को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती होने के दौरान मृत्यु हो गई। 86 साल की उम्र में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के कारण उनका निधन हो गया।


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