ताजा खबर
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के जाने चौकाने वाले किराए   ||    7वीं के छात्र ने माता-पिता के बैंक अकाउंट से ऑनलाइन गेम खेल गवाएं 5 लाख रुपए   ||    लखनऊ में आरोपियों ने महिला दारोगा को किया किडनैप   ||    लखनऊ में विधायक निवास परिसर में मिला युवक का शव, मामले की हो रही है जांच   ||    लखनऊ से सवार पुलिस इंस्पेक्टर की रोडवेज बस में कार्डियक अरेस्ट से हुई मृत्यु   ||    गणेश विसर्जन के चलते लखनऊ के कई रास्तों पर कल शाम तक ट्रैफिक रहेगा प्रभावित   ||    लखनऊ के अनुदानित कॉलेजों में दाखिलों की कमी, पड़ोसी जिलों के कॉलेजों ने मारी बाजी   ||    आधी रात स्टंटबाजी का कहर, आइसक्रीम वाले की हुई मौत   ||    लखनऊ में चुप ताजिये का जुलूस नाजिम अली इमामबाड़े से हुआ शुरू   ||    लखनऊ-गोरखपुर संग इन 42 जिलों में होगी भरी बारिश, अलर्ट जारी   ||   

पितृ पक्ष 2024: पितृ पक्ष में इन 5 संकेतों को न करें नजरअंदाज, ये हैं आने वाले चेतावनी संकेत!

Photo Source :

Posted On:Thursday, September 12, 2024

पितृपक्ष भी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान और त्योहार है, जिसमें पितरों और पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि इस दौरान पितरों की आत्माएं धरती पर आती हैं और भोग-पिंडदान आदि ग्रहण करती हैं। मान्यता है कि उनके आशीर्वाद से परिवार का कल्याण होता है।

ऐसा कहा जाता है कि जब पितर और पितर धरती पर आते हैं तो खुश या नाराज होने के संकेत देते हैं। यह पितृसत्ता में विशेष रूप से सत्य है। इस बार पितृपक्ष 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2024 तक है। आइए जानते हैं पितृत्व के किन संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए?

पितृपक्ष से पहले शुभ कार्यों में रुकावट
हिंदू धर्म में माना जाता है कि पितृ दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में कई परेशानियां आती हैं। इनमें से एक समस्या शुभ कार्यों में बाधा बन सकती है। पितृ पक्ष से पहले शुभ कार्यों में रुकावट यह संकेत दे सकती है कि पितृ खुश नहीं हैं और पितृ दोष प्रबल है या घर में कोई नकारात्मक ऊर्जा है।

घर में लाल चींटियों का दिखना
पितृपक्ष के दौरान घर में अचानक लाल चींटियों का आना धार्मिक ग्रंथों में अशुभ संकेत माना गया है। इनका दिखना पितृ दोष का संकेत हो सकता है। पितृ दोष का अर्थ है पितरों का आशीर्वाद न मिलना, उनका रूठना या उनका क्रोध। यह धन हानि को बढ़ावा देता है और स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाता है।

कुत्ते का चिल्लाना
पितृपक्ष में कुत्ते का रोना पितरों का संदेश माना जाता है। यह एक संदेश हो सकता है कि पिता खुश नहीं हैं या उन्हें किसी चीज़ की ज़रूरत है। अगर आपको साल के बाकी दिनों में कुत्ते के रोने की आवाज सुनाई न दे, लेकिन पितृपक्ष आते ही ऐसा होने लगे तो यह बहुत अशुभ होता है। कुत्ते का रोना किसी व्यक्ति की बीमारी या मृत्यु का संकेत देता है।

तुलसी का सूखना
पितृ पक्ष में तुलसी का मुरझाना अधिक चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि इस दौरान पितरों की पूजा की जाती है। यहां यह भी समझना जरूरी है कि तुलसी का जो पौधा साल भर हरा-भरा रहता था, वह पितृपक्ष में क्यों सूख रहा है? यदि तुलसी सूख जाए तो यह माना जा सकता है कि पितर प्रसन्न नहीं है। इसे घर में बड़ी विपत्ति का संकेत माना जाता है।

कौवों का आना
पितृपक्ष में कौवों का बार-बार चक्कर लगाना या झुंड में आना पितरों और पितरों के धरती पर आने का संकेत माना जाता है। यदि वे चुपचाप आएं और दिया हुआ खाना खाकर चले जाएं तो अच्छा माना जाता है। साथ ही वे कौवे आपस में लड़कर बिना कुछ खाए उड़ जाते हैं तो यह पितरों के अप्रसन्न होने का संकेत माना जाता है।

ये सभी संकेत कई अन्य कारणों से भी हो सकते हैं, लेकिन विशेषकर पितृपक्ष में इनका दिखना महज संयोग नहीं है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह पितृ दोष या अन्य बुरी शक्तियों का संकेत हो सकता है। इसलिए अगर आपके साथ ऐसा होता है तो आपको किसी अनुभवी और योग्य पंडित की सलाह लेकर उचित उपाय करना चाहिए।


लखनऊ और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Lucknowvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.