सनातन धर्म के लोगों के लिए खुशियों का प्रतीक दिवाली का त्योहार विशेष महत्व रखता है। इस दिन लोग घरों को सजाने के साथ-साथ शाम के समय घरों और दुकानों को दीयों से रोशन करते हैं। दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विधान है। हर साल दिवाली के दिन लोग भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति खरीदकर घर लाते हैं और फिर उनकी पूजा करते हैं।
ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल होगा कि पिछले साल लाई गई मूर्ति का क्या किया जाए? दिवाली पर पुराने गणेश-लक्ष्मी जी की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए या नहीं? यदि उनकी पूजा की जाती है तो उसका अच्छा या बुरा प्रभाव जीवन पर कैसे पड़ता है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब के बारे में.
2024 में दिवाली कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार को दोपहर 03:52 बजे शुरू हो रही है और शुक्रवार, 1 नवंबर 2024 को शाम 06:16 बजे समाप्त होगी। दिवाली का त्योहार जन्मतिथि के आधार पर 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा.
दिवाली पर पुरानी मूर्ति की पूजा करें या नहीं?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, दिवाली के दिन शाम की पूजा से पहले घर में माता लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश की नई मिट्टी की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए और उन्हीं की पूजा करनी चाहिए। एक साल पहले दिवाली पर लाई गई लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए।
अगर आप दिवाली पर पुरानी मूर्तियां स्थापित करके उनकी पूजा करते हैं तो आपको वास्तुदोष हो सकता है। इसके अलावा पूजा का पूरा फल नहीं मिलेगा, जिससे जीवन में चल रही परेशानियां कम होने की बजाय बढ़ सकती हैं। इसलिए हर साल दिवाली पर लक्ष्मी और गणेश की नई मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।
कब कर सकते हैं पुरानी मूर्तियों की पूजा?
दिवाली पर सोने, पीतल, चांदी या अष्टधातु से बनी देवी लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की मूर्तियों की दोबारा पूजा की जा सकती है। लेकिन पहले पुरानी मूर्तियों को गंगा जल से शुद्ध कर लें। शुद्धिकरण के बाद मूर्तियों को मंदिर में विधिवत स्थापित करें, इसके बाद उनकी पूजा करें।