मुंबई, 01 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। साउथ अफ्रीका में 29 मई को आम चुनाव हुए थे। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अब तक 99.50% वोटों की गिनती हो चुकी है। इसमें नेल्सन मंडेला की पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस को सबसे अधिक 40.21% वोट हासिल हुआ है, लेकिन वह सरकार बनाने के लिए जरूरी 50% वोट हासिल नहीं कर पाई। 30 साल में पहली बार ऐसा हो हुआ है कि अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) को बहुमत नहीं मिला है। वहीं, सैक्स सकैंडल और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सत्ता गंवाने वाले साउथ अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जूमा की पार्टी तीसरे नंबर पर रही है। उन्हें 14.61% वोट मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वो किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। जैकब जुमा ने कई इलाकों में ANC के वोट में सेंधमारी की है। इसी के चलते ANC बहुमत हासिल करने से चूक गई। दरअसल, 2018 में ANC से निकाले जाने के बाद जुमा ने 2019 में अपनी अलग पार्टी MK बनाई थी।
आपको बता दें, मुख्य विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक अलायंस (DA) को 21.79% वोट मिला है। वाम विचारधारा वाली पार्टी EFF को अब तक 9.48% वोट मिला है। दक्षिण अफ्रीका में इस बार सबसे अधिक 70 पार्टियां मैदान में उतरी थीं। देश में करीब 2.78 करोड़ वोटर हैं। साउथ अफ्रीका की संसद में 400 सीटें हैं। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 201 सीटें चाहिए। अगर सरकार चला रही ANC को चुनाव के बाद बहुमत नहीं मिल पाता है तो राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को दूसरे सहयोगी दलों का समर्थन हासिल करना होगा। ऐसी स्थिति में पहली बार देश में गठबंधन की सरकार बन सकती है। जानकारों का मानना है कि इस चुनाव में लगभग 18 फीसदी वोटिंग शेयर का नुकसान झेलने वाली पार्टी ANC के पास अब सिर्फ 2 विकल्प रह गए हैं। या तो वह भ्रष्टाचार के आरोप में पार्टी से निकाल चुके जैकब जुमा के साथ समझौता कर ले या फिर वो अतिवामपंथी पार्टी EFF के साथ मिलकर सरकार बनाए।