भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना केंद्र सरकार का प्रमुख लक्ष्य रहा है और देश ने इस संबंध में काफी प्रगति भी की है। अब देश अपना ध्यान रक्षा निर्यात पर केंद्रित कर रहा है। आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम इसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस स्वदेशी सिस्टम को आर्मेनिया खरीदेगा. लेकिन यह दिलचस्पी दिखाने वाला एकमात्र देश नहीं है। दक्षिण पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के कई देशों ने इसमें रुचि दिखाई है। इस सूची में फिलीपींस, वियतनाम और ब्राजील जैसे देश भी हैं।
आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम क्या है?
डीआरडीओ के अनुसार, इस प्रणाली का तंत्र ऐसा है कि यह उन इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों का भी मुकाबला कर सकता है जिनमें पहचान क्षमताओं को चकमा देने की विशेषता होती है। साथ ही यह ग्रुप मोड में एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में हवाई हमलों से बचने के लिए विकसित किया गया था। यह कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। इसे भारतीय सेना और वायु सेना में शामिल किया गया है। आकाश मिसाइल प्रणाली में एक लांचर, मिसाइलों का एक सेट, एक नियंत्रण केंद्र, एक अंतर्निहित मिशन मार्गदर्शन प्रणाली और एक कमांड, नियंत्रण, संचार और खुफिया केंद्र शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक देश में ही बना यह सिस्टम 96 फीसदी स्वदेशी है.
इसके दो उन्नत संस्करण हैं जिनका नाम आकाश एनडीआई (न्यू जेनरेशन) और आकाश प्राइम है। दोनों की परिचालन सीमा 27 से 30 किमी है और लगभग 18 किमी की ऊंचाई तक पहुंच सकती है। आकाश प्राइम में एक स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर भी है, जो हवाई लक्ष्यों पर हमला करने में इसकी सटीकता में सुधार करता है।
इन देशों ने इस प्रणाली में रुचि दिखाई है
फिलीपींस, ब्राजील, मिस्र, वियतनाम और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों ने रुचि दिखाई है। माना जा रहा है कि भारत को दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया से इसके लिए अधिक ऑर्डर मिल सकते हैं। दिसंबर 2020 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात को मंजूरी दी। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में कई सहयोगी देशों की ओर से इसमें रुचि दिखाने के बाद यह निर्णय लिया गया। आर्मेनिया पहला देश होगा जिसे भारत यह प्रणाली निर्यात करेगा।
यह मिसाइल प्रणाली लोकप्रिय क्यों है?
आपको बता दें कि आकाश मिसाइल सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कहीं भी काम कर सकता है। इसे विभिन्न परिस्थितियों के अनुरूप विकसित किया गया है। जिससे यह दुनिया में कहीं भी और किसी भी परिस्थिति में कार्य कर सकता है। डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक रवि कुमार गुप्ता के मुताबिक, आकाश की विविधता इसे अन्य प्रणालियों से अलग बनाती है। सतह से हवा में मार करने वाली अन्य मिसाइलें एक निश्चित ऊंचाई और परिस्थितियों पर ही काम करती हैं।