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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 से 26 जुलाई 2025 तक ब्रिटेन और मालदीव की महत्वपूर्ण कूटनीतिक यात्रा पर रहेंगे। 20 जुलाई को विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा की आधिकारिक घोषणा की है। इस दौरे में मोदी जी कई अहम समझौतों और वार्तालापों का हिस्सा होंगे, जो भारत के विदेश नीति और आर्थिक सहयोग में नए मुकाम स्थापित करेंगे।
ब्रिटेन यात्रा: मुक्त व्यापार समझौते पर ऐतिहासिक घोषणा
ब्रिटेन दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी बहुप्रतीक्षित भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का औपचारिक रूप से ऐलान करेंगे। यह समझौता 6 मई 2025 को पहली बार घोषित किया गया था और इसके तहत दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी सहयोग को गहरा किया जाएगा। 2022 से चल रही इस वार्ता में कई राजनीतिक बदलावों के बावजूद कड़ी मेहनत के बाद इसे अंतिम रूप दिया गया है।
ब्रिटेन सरकार ने इस समझौते को अपने इतिहास का ‘सबसे बड़ा और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण द्विपक्षीय व्यापार समझौता’ बताया है। जून में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ब्रिटेन का दौरा कर इस समझौते की अंतिम रूपरेखा तैयार की थी। इस समझौते से भारत को विश्व आर्थिक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
ब्रिटेन में द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा
पीएम मोदी ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात करेंगे, जहां दोनों देश व्यापार, रक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, शिक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ावा देने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। साथ ही, वे क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीतिक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे, ताकि दोनों देशों का साझा हित सुरक्षित रहे।
प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय से भी भेंट होगी, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूती देगी। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे मजबूत रिश्तों की पुष्टि भी होगी।
मालदीव यात्रा: स्वतंत्रता समारोह और सामरिक साझेदारी
25 जुलाई से प्रधानमंत्री मोदी मालदीव की राजकीय यात्रा पर होंगे। मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जु के निमंत्रण पर वे 26 जुलाई को देश की 60वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ समारोह में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के रूप में शामिल होंगे। यह मौका भारत-मालदीव संबंधों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दोनों नेता अक्टूबर 2024 में मालदीव की भारत यात्रा के दौरान अपनाए गए ‘भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण: व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ की प्रगति की समीक्षा करेंगे। यह साझेदारी समुद्री सुरक्षा, आर्थिक विकास और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अहम है। भारत और मालदीव के बीच यह संबंध हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सामरिक स्थिति को और सुदृढ़ बनाएगा।
भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक महत्व
इस यात्रा के दौरान घोषित मुक्त व्यापार समझौता भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा और व्यापार के नए अवसर खोलेगा। ब्रिटेन के साथ बढ़े सहयोग से तकनीकी और नवाचार के क्षेत्र में भारत को फायदा होगा, जिससे रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मालदीव के साथ गहरे संबंध हिंद महासागर में भारत की सुरक्षा और सामरिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। समुद्री सुरक्षा साझेदारी से क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, मालदीव की स्वतंत्रता समारोह में भाग लेने से भारत-से मालदीव के मधुर संबंधों को सार्वजनिक और वैश्विक मंच पर एक नई पहचान मिलेगी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा भारत के विदेश नीति, आर्थिक विस्तार और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता और मालदीव के साथ समुद्री सुरक्षा सहयोग भारत की वैश्विक भूमिका को नई दिशा देगा। यह दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करेगा, बल्कि भारत की विश्व शक्ति बनने की यात्रा को भी गति प्रदान करेगा।