जेद्दा/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर दो दिवसीय दौरे के लिए जेद्दा पहुंचे। यह दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक है क्योंकि 40 वर्षों में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला जेद्दा दौरा है।
जैसे ही पीएम मोदी का विमान सऊदी एयरस्पेस में दाखिल हुआ, उन्हें रॉयल सऊदी एयर फोर्स के F-15 फाइटर जेट्स द्वारा विशेष एस्कॉर्ट दिया गया। एयरपोर्ट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया और 'ए वतन...' गाने की गूंज ने स्वागत समारोह को भावुक बना दिया।
भाई जैसे रिश्ते और मजबूत साझेदारी
पीएम मोदी की यह यात्रा भारत-सऊदी अरब संबंधों को नई ऊंचाई देने का उद्देश्य लेकर की जा रही है। वे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे, जिसकी नींव 2019 में प्रधानमंत्री की पहली सऊदी यात्रा के दौरान रखी गई थी।
इस मौके पर पीएम मोदी ने मोहम्मद बिन सलमान को "मेरा भाई" कहकर संबोधित किया, जिससे दोनों देशों के बीच गहरे और आत्मीय रिश्तों का संकेत मिला।
कम से कम छह महत्वपूर्ण समझौते होंगे साइन
सूत्रों के अनुसार, जेद्दा यात्रा के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच कम से कम छह समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर होंगे। इन समझौतों में शामिल होंगे:
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री हज कोटे से संबंधित मामलों पर भी सऊदी नेतृत्व से बातचीत करेंगे, जिससे भारत के हजारों तीर्थयात्रियों को लाभ हो सकता है।
भारतीय श्रमिकों और प्रवासी भारतीयों से मिलेंगे मोदी
बुधवार को पीएम मोदी एक फैक्ट्री का दौरा करेंगे, जहां बड़ी संख्या में भारतीय श्रमिक काम करते हैं। सऊदी अरब में करीब 27 लाख भारतीय रहते हैं, और यह भारतीय प्रवासी दुनिया में सबसे बड़ा है। प्रधानमंत्री उनके साथ संवाद करेंगे और उनके योगदान की सराहना करेंगे।
सऊदी अरब का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी को 2016 में सऊदी अरब का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'अब्दुलअजीज साश' प्रदान किया गया था। यह सम्मान केवल बेहद करीबी और विशेष मेहमानों को दिया जाता है, जो भारत और सऊदी अरब के बीच रिश्तों की गहराई को दर्शाता है।
निष्कर्ष: दोस्ती की नई ऊंचाइयों की ओर
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल एक राजनयिक दौरा नहीं है, बल्कि भारत और सऊदी अरब के बढ़ते सामरिक और आर्थिक सहयोग का प्रतीक है। चाहे वह हज तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्था हो, या उन्नत प्रौद्योगिकी में सहयोग, यह दौरा दोनों देशों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाला साबित हो सकता है।
इस ऐतिहासिक यात्रा से यह संदेश भी जाता है कि भारत मध्य पूर्व के देशों के साथ अपने रिश्तों को रणनीतिक गहराई देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।