बांग्लादेश इस समय एक बेहद नाजुक मोड़ पर खड़ा है। छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत ने देश में गुस्से और असुरक्षा की एक ऐसी लहर पैदा कर दी है, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंतित कर दिया है। आज, शनिवार 20 दिसंबर को हादी का अंतिम संस्कार होना है, जिसे देखते हुए अमेरिका समेत कई देशों ने अपने नागरिकों के लिए कड़े सुरक्षा निर्देश जारी किए हैं।
प्रस्तुत लेख में हम इस घटनाक्रम और इससे जुड़े वैश्विक सुरक्षा सरोकारों पर चर्चा करेंगे।
अंतिम संस्कार और संभावित हिंसा का अंदेशा
उस्मान हादी, जिनका निधन सिंगापुर में इलाज के दौरान हुआ, उनका शव शनिवार को ढाका लाया जा रहा है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने इस दिन को 'राजकीय शोक' घोषित किया है और लोगों से जनाजे की नमाज में शामिल होने का आह्वान किया है। हालाँकि, यह अपील सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
विशेषज्ञों और राजनयिकों का मानना है कि जनाजे के बाद उमड़ने वाली भीड़ का आक्रोश अनियंत्रित हो सकता है। पिछले दो दिनों में जिस तरह से मीडिया संस्थानों ('प्रोथोम आलो' और 'द डेली स्टार') और सरकारी संपत्तियों को निशाना बनाया गया है, उससे यह साफ है कि स्थिति कभी भी हिंसक रूप ले सकती है।
अमेरिका की ट्रैवल एडवाइजरी: नागरिकों को सख्त चेतावनी
अशांति की आशंका को देखते हुए अमेरिकी विदेश विभाग ने बांग्लादेश में मौजूद अपने नागरिकों के लिए 'सुरक्षा चेतावनी' जारी की है। इस एडवाइजरी के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
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भीड़ से दूरी: नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे प्रदर्शन स्थलों, बड़ी सभाओं और प्रार्थना स्थलों (जहाँ जनाजे की नमाज होनी है) से पूरी तरह दूर रहें।
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यातायात बाधित: चेतावनी दी गई है कि ढाका के प्रमुख रास्तों पर भारी ट्रैफिक और जाम की स्थिति रहेगी, जिससे आवाजाही लगभग ठप हो सकती है।
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हिंसा का जोखिम: एडवाइजरी में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि शांतिपूर्ण दिखने वाली सभाएं पल भर में हिंसक झड़पों में बदल सकती हैं।
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सतर्कता: लोगों को स्थानीय मीडिया और समाचारों पर निरंतर नजर रखने तथा घरों के भीतर रहने की हिदायत दी गई है।
ढाका में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
अंतिम संस्कार के मद्देनजर ढाका को एक तरह से छावनी में बदल दिया गया है। पुलिस के साथ-साथ सेना और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) की टुकड़ियों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है। अंतरिम सरकार के लिए यह परीक्षा की घड़ी है, क्योंकि उन्हें एक तरफ हादी के समर्थकों की भावनाओं का सम्मान करना है और दूसरी तरफ कानून-व्यवस्था को चरमराने से बचाना है।
अंतरराष्ट्रीय चिंताएं और कूटनीतिक प्रभाव
बांग्लादेश में लगातार बढ़ती हिंसा का असर केवल उसकी सीमाओं तक सीमित नहीं है। अमेरिका के अलावा भारत और अन्य यूरोपीय देशों ने भी स्थिति पर चिंता जताई है। विशेष रूप से भारतीय दूतावास पर हुए पथराव और हिंदू अल्पसंख्यकों (जैसे दीपू चंद्र दास) की हत्या ने इस विरोध प्रदर्शन को एक सांप्रदायिक और कूटनीतिक मोड़ दे दिया है।
पश्चिमी देशों के लिए सबसे बड़ी चिंता यह है कि यदि चुनाव से पहले यह हिंसा नहीं थमी, तो बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतें और अधिक मजबूत हो सकती हैं, जो दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए खतरा पैदा करेगा।
निष्कर्ष
उस्मान हादी का अंतिम संस्कार केवल एक विदाई नहीं, बल्कि बांग्लादेश के भविष्य की दिशा तय करने वाला एक घटनाक्रम है। क्या प्रशासन भीड़ को शांत रख पाएगा या देश एक नए गृहयुद्ध जैसी स्थिति की ओर बढ़ेगा, इसका फैसला आज के हालात करेंगे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें फिलहाल ढाका की सड़कों पर टिकी हैं।