रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अब चौथे साल में प्रवेश कर चुका है और इसके खत्म होने के कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं। युद्ध की विभीषिका लगातार गहराती जा रही है, और इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान सामने आया है। ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी देते हुए कहा है कि “वह आग से खेल रहे हैं” और अगर वे राष्ट्रपति नहीं होते, तो रूस में बहुत बुरी चीजें हो चुकी होतीं।
ट्रंप की सोशल मीडिया पोस्ट ने बढ़ाई हलचल
डोनाल्ड ट्रंप ने ये बयान अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर साझा किया। उन्होंने यह टिप्पणी रूस द्वारा यूक्रेन पर हाल में किए गए व्यापक हमलों के बाद की। वर्ष 2022 में जब युद्ध शुरू हुआ था, तब से यह अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हमला माना जा रहा है। रूस ने दावा किया कि यूक्रेन ने राष्ट्रपति पुतिन के हेलिकॉप्टर को निशाना बनाया था। ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुतिन अनावश्यक रूप से निर्दोष लोगों को निशाना बना रहे हैं।
“मैं होता तो रूस में हालात बिगड़ चुके होते” – ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि अगर वे राष्ट्रपति होते, तो शायद रूस के अंदर ही बहुत कुछ नष्ट हो गया होता। उन्होंने दावा किया कि उनकी कूटनीतिक रणनीति युद्ध को टाल सकती थी। ट्रंप ने यह भी कहा कि रूस को यह समझना चाहिए कि अमेरिका अब भी वैश्विक स्थिरता का एक मजबूत स्तंभ है और उसका नेतृत्व हल्के में नहीं लिया जा सकता। “वह आग से खेल रहे हैं और उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है,” ट्रंप ने चेतावनी भरे लहजे में कहा।
रूस का दावा: कुर्स्क से खदेड़ा यूक्रेनी सेना को
इसी बीच रूस ने सैन्य मोर्चे पर बड़ी उपलब्धि का दावा किया है। रूसी सेना के अनुसार, उन्होंने कुर्स्क सेक्टर में यूक्रेनी सेना को पीछे धकेल दिया है और वहां बफर जोन को बढ़ा दिया गया है। रूस का यह दावा यूक्रेनी रणनीतिक शक्ति को कमजोर करने की दिशा में एक और कदम माना जा रहा है। रूसी जेट विमानों ने भी सैनिकों के लिए आगे का रास्ता तैयार कर दिया है जिससे आक्रमण को और तेज किया जा सके।
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की नाटो से गुहार
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इस स्थिति को बेहद गंभीर मानते हुए नाटो देशों से सीधी मदद की मांग की है। जेलेंस्की ने कहा है कि अब अगर नाटो ने फ्रंटलाइन पर आकर हस्तक्षेप नहीं किया, तो यूक्रेन का अस्तित्व संकट में पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि रूस की आक्रामक रणनीति सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह पूरे यूरोप की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है।
पुतिन का मकसद – संपूर्ण यूक्रेन पर कब्जा?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पोस्ट में इस बात को दोहराया कि पुतिन केवल यूक्रेन के एक हिस्से को नहीं, बल्कि पूरा यूक्रेन कब्जे में लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि रूस की हालिया मिसाइल और ड्रोन हमले इसी बड़ी रणनीति का हिस्सा हैं। ट्रंप ने युद्ध को अनावश्यक बताया और कहा कि इससे बिना कारण आम नागरिकों की जान जा रही है।
युद्धविराम की संभावनाएं कमजोर
हालांकि हाल के दिनों में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में युद्धविराम को लेकर संभावना जताई गई थी, लेकिन पुतिन की आक्रामक भाषा और जेलेंस्की की नाटो पर निर्भरता इस संभावना को कमजोर कर रही है। पुतिन पहले ही जून में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे यूक्रेन का संपूर्ण खात्मा चाहते हैं, जिससे बातचीत की कोई ठोस नींव नहीं बचती।
निष्कर्ष: चौथा साल, लेकिन कोई समाधान नहीं
रूस-यूक्रेन युद्ध ने चौथे साल में प्रवेश कर लिया है और इसमें मानवता की सबसे बड़ी कीमत चुकाई जा रही है। लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं, हजारों जानें जा चुकी हैं और दुनिया एक बार फिर परमाणु युद्ध के साये में जी रही है। डोनाल्ड ट्रंप जैसे पूर्व राष्ट्राध्यक्षों की चेतावनी इस ओर इशारा करती है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह युद्ध वैश्विक संकट में तब्दील हो सकता है। अब देखना यह होगा कि अमेरिका, नाटो और बाकी अंतरराष्ट्रीय शक्तियां इस संकट को रोकने के लिए क्या कदम उठाती हैं।