भारतीय क्रिकेट टीम के युवा कप्तान शुभमन गिल इस समय इंग्लैंड दौरे पर सुर्खियों में बने हुए हैं। भले ही लॉर्ड्स टेस्ट मैच में उनका बल्ला शांत रहा हो, लेकिन पूरी सीरीज में उनके धमाकेदार प्रदर्शन ने इतिहास रच दिया है। शुभमन गिल ने इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट क्रिकेट में राहुल द्रविड़ जैसे महान बल्लेबाज का रिकॉर्ड तोड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
गिल का दोहरे फेल के बावजूद रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
लॉर्ड्स टेस्ट में कप्तान गिल से टीम इंडिया को काफी उम्मीदें थीं। लेकिन उन्होंने पहली पारी में सिर्फ 16 रन और दूसरी पारी में महज़ 6 रन बनाए। इसके बावजूद, गिल ने अपने पिछले प्रदर्शन के दम पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
शुभमन गिल ने इस सीरीज में अब तक 3 टेस्ट मैचों की 6 पारियों में 607 रन बना डाले हैं। इस आंकड़े के साथ उन्होंने राहुल द्रविड़ के 2002 में बनाए गए 602 रनों को पीछे छोड़ दिया। अब इंग्लैंड में किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा एक टेस्ट सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड शुभमन गिल के नाम है।
इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं विराट कोहली
यह लिस्ट यह दिखाती है कि शुभमन गिल ने न केवल खुद को एक कंसिस्टेंट बल्लेबाज के रूप में साबित किया है, बल्कि वह अब भारत के महान बल्लेबाजों की श्रेणी में भी गिने जा रहे हैं।
पहले दो टेस्ट में बल्ले से मचाया धमाल
लॉर्ड्स टेस्ट से पहले कप्तान गिल का फॉर्म कमाल का रहा था। उन्होंने लीड्स टेस्ट में पहली पारी में 147 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी। हालांकि दूसरी पारी में वह 8 रन पर आउट हो गए थे।
इसके बाद आए बर्मिंघम टेस्ट में गिल ने इतिहास रच दिया। उन्होंने पहली पारी में 269 रन और दूसरी पारी में 161 रन बनाकर अकेले दम पर इंग्लैंड के गेंदबाजों की कमर तोड़ दी थी। इस पारी की बदौलत भारत ने उस टेस्ट मैच में मजबूत पकड़ बनाई थी और सीरीज में बढ़त ली थी।
लॉर्ड्स टेस्ट में क्यों फेल हुए गिल?
क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है। लॉर्ड्स की पिच पर जहां गेंदबाजों को मदद मिल रही थी, वहां शुभमन गिल को खुद को स्थापित करने का समय नहीं मिल सका। पहली पारी में उन्होंने 16 रन बनाए और दूसरी पारी में केवल 6 पर ही चलते बने। यह गिल की बल्लेबाजी में मानसिक थकान या तेज गेंदबाजी के सामने तकनीकी कमजोरी का संकेत हो सकता है।
लेकिन यह भी सच है कि इतने शानदार रन बनाने के बाद एक मैच में फ्लॉप होना सामान्य बात है। गिल का आत्मविश्वास पहले दो टेस्ट के प्रदर्शन से मजबूत है और वह निश्चित तौर पर आने वाले मुकाबले में शानदार वापसी करेंगे।
मैनचेस्टर टेस्ट में होगी गिल से कमबैक की उम्मीद
अब भारत और इंग्लैंड के बीच अगला मुकाबला मैनचेस्टर में होने वाला है, जो सीरीज का चौथा टेस्ट मैच होगा। लॉर्ड्स में मिली असफलता के बाद कप्तान गिल की नजरें एक और बड़ी पारी खेलने पर होंगी। टीम इंडिया भी गिल से यही उम्मीद करेगी कि वे एक बार फिर से लीडर की भूमिका में सामने आएं और बल्ले से टीम को जीत की ओर ले जाएं।
🇮🇳 कप्तान के रूप में गिल का अब तक का सफर
शुभमन गिल का कप्तानी करियर अभी नया है, लेकिन इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने यह साबित कर दिया है कि उनमें टीम को संभालने की पूरी काबिलियत है। बर्मिंघम टेस्ट में जब टीम को एक लीडर की जरूरत थी, तब गिल ने न सिर्फ बड़ा स्कोर बनाया, बल्कि अपनी कप्तानी से गेंदबाजों को सही दिशा भी दी।
निष्कर्ष
हालांकि लॉर्ड्स टेस्ट में शुभमन गिल उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए, लेकिन पूरी टेस्ट सीरीज में उनका प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा है। 607 रन बनाकर उन्होंने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया है। राहुल द्रविड़ और विराट कोहली जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ना किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए गर्व की बात है।
अब सभी की निगाहें मैनचेस्टर टेस्ट पर होंगी, जहां शुभमन गिल से एक और शतक की उम्मीद की जा रही है। अगर गिल वहां सफल होते हैं, तो भारत के लिए यह सीरीज जीतने की राह और आसान हो जाएगी।