लखनऊ न्यूज डेस्क: रहमानखेड़ा में पिछले कुछ दिनों से सक्रिय बाघ ने अब एक और मवेशी को शिकार बना लिया है। इस बाघ ने जंगल से करीब आठ किमी दूर स्थित एक आम के बाग में शनिवार रात को एक छुट्टा मवेशी को अपना शिकार बनाया। यह बाघ का 12वां शिकार था, और इस घटना से ग्रामीणों में डर और दहशत का माहौल पैदा हो गया है। रविवार को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पीएसी ने गांव में डेरा डालकर सुरक्षा कड़ी कर दी।
पीएसी के जवानों ने हथिनी डायना और सुलोचना के साथ मिलकर लगभग पांच घंटे तक गांव और जंगल में कॉम्बिंग की। वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान वन विभाग की एक टीम ने बाघ को रेलवे लाइन पार करते हुए देखा। हालांकि, बाघ को पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजरे के पास अभी तक वह नहीं आया है।
घटना के बाद, बाग में मवेशी के शरीर के क्षतविक्षत अवशेष मिले, जिससे बाघ के शिकार की पुष्टि हुई। बाग में मवेशी और बाघ के संघर्ष के निशान 50 मीटर तक दिखाई दिए। बाघ ने मवेशी के शरीर के पिछले हिस्से का लगभग 15 किलो मांस खाया और फिर जंगल की ओर भाग गया। ग्रामीणों ने बताया कि बाघ के नए पगचिह्न बेहता नाला के पास मिले हैं, जो उसकी लगातार सक्रियता को दर्शाते हैं।
वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए रहमानखेड़ा में एक और पिंजरा लगाया था, जिसमें भैंस का एक पड़वा बांधा गया था, लेकिन बाघ अभी तक पिंजरे के पास नहीं आया है। इसके साथ ही, जंगल के जोन-2 में एक नया मचान भी बनाया गया है, जहां से बाघ की निगरानी की जाएगी। प्रमुख वन संरक्षक और अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सभी जोन का निरीक्षण किया और आवश्यक कार्रवाई की दिशा में कदम उठाए।