लखनऊ न्यूज डेस्क: गाजीपुर के बस्तौली गांव में तीन साल की बच्ची को गोली लगने की घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। 16 दिसंबर को हुई इस घटना की जांच के लिए शनिवार को पुलिस की दो टीमें गांव में सक्रिय रहीं। पुलिस ने आसपास के करीब दस घरों और एक धर्मशाला में जाकर लोगों से पूछताछ की, लेकिन अब तक फायरिंग करने वाले का कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका है। बच्ची लक्ष्मी के सिर में संदिग्ध हालात में गोली लगने के बाद से परिवार और ग्रामीण बेहद परेशान हैं।
घटना के बाद शुरुआत में बच्ची को एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने चोट को मामूली समझकर टांके लगा दिए। जब लक्ष्मी की हालत बिगड़ने लगी, तो परिजन उसे लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां जांच में सिर में गोली होने की पुष्टि हुई। इसके बाद ट्रॉमा सेंटर में ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने बच्ची के सिर से गोली निकाल ली। फिलहाल लक्ष्मी आईसीयू में भर्ती है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
एसीपी गाजीपुर ए. विक्रम सिंह के अनुसार, पुलिस ने गांव के दो लोगों के लाइसेंसी हथियारों की जांच की है और उनके लाइसेंस भी देखे गए हैं। इसके अलावा एक अन्य टीम ने गांव और आसपास लगे करीब 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली है, लेकिन अभी तक कोई संदिग्ध सामने नहीं आया है। पुलिस का कहना है कि घटना के दिन आसपास के घरों में कोई कार्यक्रम नहीं था, सिर्फ एक धर्मशाला में बच्चों का आयोजन हुआ था, जो दोपहर एक बजे खत्म हो गया था, जबकि गोली लगने की घटना शाम चार बजे की है।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि फायरिंग राइफल से नहीं की गई। इंस्पेक्टर राजेश मौर्या ने बताया कि बच्ची के सिर से निकली गोली पिस्टल, रिवॉल्वर या तमंचे की हो सकती है, क्योंकि राइफल की गोली नुकीली होती है। फिलहाल बुलेट को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि गोली किस हथियार से चलाई गई थी। पिता की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया गया है।