लखनऊ न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे में हाल ही में हुए एक दर्दनाक हादसे ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। एक ऊंची इमारत की बालकनी से गमला गिरने से एक मासूम बच्चे की जान चली गई थी। इस घटना के बाद नोएडा के बाद अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने भी बालकनी में गमले रखने पर सख्ती से रोक लगा दी है। एलडीए ने इसे लेकर एक सख्त आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी की लापरवाही से कोई गमला गिरा और हादसा हुआ, तो संबंधित व्यक्ति और सोसाइटी के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
एलडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने साफ तौर पर निर्देश दिया है कि अब किसी भी अपार्टमेंट की बालकनी, रेलिंग या पैरापेट वॉल पर गमले नहीं रखे जाएंगे। आदेश में यह भी जोड़ा गया है कि अगर किसी वजह से गमला नीचे गिरा और किसी को चोट आई या जान का खतरा हुआ, तो सिर्फ फ्लैट मालिक ही नहीं, बल्कि बिल्डर और आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष व सचिव भी जिम्मेदार माने जाएंगे।
जहां पर अभी अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA) नहीं बना है, वहां यह जिम्मेदारी बिल्डर की होगी कि वो सुनिश्चित करे कि कोई भी निवासी बालकनी में गमला न रखे। जिन सोसाइटियों में AOA है, वहां के पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी निवासियों को इस नियम के बारे में जानकारी हो। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप, नोटिस बोर्ड और व्यक्तिगत बातचीत का सहारा लेने को कहा गया है।
एलडीए के इस फैसले को शहर की कई हाईराइज सोसाइटीज से समर्थन भी मिल रहा है। गोमती नगर एक्सटेंशन की ऋषिता मैनहट्टन सोसाइटी के अध्यक्ष चंद्रशेखर पांडे और पूर्व पदाधिकारी राजीव विज ने इस कदम को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था की मांग की जा रही थी। अब जब एलडीए ने सख्ती दिखाई है, तो इससे भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सकेगा।